भूकंप क्या है | what is earthquake in Hindi Notes

यहाँ हम जानेगे भूकंप क्या है, what is earthquake in Hindi Notes, what are the causes of earthquake, effects of earthquake इत्यादि के बारे में, तो चलिए शुरू करते है। definition of earthquake

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भूकंप क्या है? (what is earthquake in Hindi)

भूगर्भशास्त्र की एक विशेष शाखा, जिसमें भूकम्पों का अध्ययन किया जाता है, सिस्मोलॉजी कहलाता है। भूकम्प में तीन तरह के कम्पन होते हैं।

1. प्राथमिक अथवा पी. तरंगें (Primary or P. waves) क्या है ?

यह तरंग पृथ्वी के अन्दर प्रत्येक माध्यम से होकर गुजरती है। इसकी औसत वेग 8 किमी प्रति सेकेण्ड होती है। यह गति सभी तरंगों से अधिक होती है। जिससे ये तरंगें किसी भी स्थान पर सबसे पहले पहुँचती है। पृथ्वी से गुजरने के लिए इन तरंगों द्वारा अपनाया गया मार्ग नतोदर होता है।

2. द्वितीय अथवा एस. तरंगें (Secondary or S waves) क्या है?

इन्हें अनुप्रस्थ तरंगें भी कहते हैं। यह तरंग केवल ठोस माध्यम से होकर गुजरती है। (औसत वेग 4 किमी प्रति सेकेण्ड)

3. सतही अथवा एल-तरंगें (Surface or L-waves) क्या है?

इन्हें धरातलीय या लम्बी तरंगों के नाम से भी पुकारा जाता है। इन तरंगों की खोज H. D. Love ने की थी। इन्हें कई बार Love waves के नाम से भी पुकारा जाता है। इनका अन्य नाम R-waves (Ray Light waves) है। ये तरंगें मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती है। ये ठोस तरल तथा गैस तीनों माध्यमों में से गुजर सकती हैं। इसकी चाल 1.5-3 किमी प्रति सेकेण्ड है। सतही तरंगें अत्यधिक विनाशकारी होती हैं।

भूकम्पीय तरंगों को सिस्मोग्राफ (Seismograph) नामक यन्त्र द्वारा रेखांकित किया जाता है। इससे इनके व्यवहार के सम्बन्ध में निम्नलिखित तथ्य निकलते हैं:-

1. सभी भूकम्पीय तरंगों का वेग अधिक घनत्व वाले पदार्थों में से गुजरने पर बढ़ जाता है तथा कम घनत्व वाले पदार्थों में से गुजरने पर घट जाता है।

2. केवल प्राथमिक तरंगें ही पृथ्वी के केन्द्रीय भाग से गुजर सकती है। परन्तु वहाँ पर उनका वेग कम हो जाता है।

3. गौण तरंगें द्रव पदार्थ में से नहीं गुजर सकतीं।

4. एल-तरंगें केवल धरातल के पास ही चलती हैं।

5. विभिन्न माध्यमों में से गुजरते समय ये तरंगें परावर्तित तथा अपवर्तित होती हैं।

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भूकंप केन्द्र क्या है?

भूकम्प के उद्भव-स्थान को उसका केन्द्र कहते हैं। भूकम्प के केन्द्र के निकट PS तथा L तीनों प्रकार की तरंगें पहुँचती हैं। पृथ्वी के भीतरी भागों में ये तरंगें अपना मार्ग बदलकर भीतर की ओर अवतल मार्ग पर यात्रा करती हैं। भूकम्प केन्द्र से धरातल के साथ 11,000 किमी की दूरी तक P तथा S-तरंगें पहुँचती हैं। केन्द्रीय भाग (Core) पर पहुँचने पर S-तरंगें लुप्त हो जाती हैं और P-तरंगें अपवर्तित हो जाती हैं। इस कारण भूकम्प के केन्द्रसे 11,000 किमी के बाद लगभग 5,000 किमी तक कोई भी तरंग नहीं पहुँचती है। इस क्षेत्र को छाया क्षेत्र (Shadow Zone) कहा जाता है।

अधिकेन्द्र (Epicentre) क्या है?

भूकम्प के केन्द्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिन्दु को भूकम्प का अधिकेन्द्र कहते हैं। अधिकेन्द्र पर सबसे पहले पी. तरंगें पहुँचती हैं।

अन्तःसागरीय भूकम्पों द्वारा उत्पन्न लहरों को जापान में सुनामी कहा जाता है। जिन संवेदनशील यंत्रों द्वारा भूकम्पीय तरंगों की तीव्रता मापी जाती है, उन्हें भूकम्पलेखी या सीस्मोग्राफ (Seismograph) कहते हैं, इसके तीन स्केल हैं—

  • रॉसी-फेरल स्केल
  • मरकेली स्केल
  • रिक्टर स्केल

रिक्टर स्केल (Richter Scale) क्या है?

भूकम्प की तीव्रता मापने वाली रिक्टर स्केल का विकास अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर द्वारा | 1935 ई. में की गई थी। रिक्टर स्केल पर प्रत्येक अगली इकाई पिछली इकाई की तुलना में 10 गुना अधिक तीव्रता रखता है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का अर्थ हल्का भूकंप होता है; जबकि 6.2 की तीव्रता का अर्थ शक्तिशाली भूकंप होता है।

भूकंप के कारण क्या हैं (what are the causes of earthquake)

भूकंप पृथ्वी के भीतर दोषों के साथ अचानक गति का परिणाम है। आंदोलन भूकंपीय तरंगों के रूप में संग्रहित ‘इलास्टिक स्ट्रेन’ ऊर्जा जारी करता है, जो पृथ्वी के माध्यम से फैलती है और जमीन की सतह को हिला देती है। दोषों पर ऐसा आंदोलन आम तौर पर दीर्घकालिक विरूपण और तनाव के निर्माण की प्रतिक्रिया है।

भूकंप के प्रभाव | effects of earthquake

भूकंप के प्राथमिक प्रभाव जमीन का हिलना, जमीन का टूटना, भूस्खलन, सुनामी और द्रवीकरण हैं। आग शायद भूकंप का सबसे महत्वपूर्ण माध्यमिक प्रभाव है।

भूकंप क्या है | what is Earthquake

भूकंप तब होता है जब पृथ्वी के दो खंड अचानक एक दूसरे के पीछे खिसक जाते हैं। जिस सतह पर वे फिसलते हैं उसे फॉल्ट या फॉल्ट प्लेन कहा जाता है। पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहाँ से भूकंप शुरू होता है, हाइपोसेंटर कहलाता है, और पृथ्वी की सतह पर इसके ठीक ऊपर के स्थान को उपरिकेंद्र कहा जाता है ।

भूकंप की परिभाषा | definition of earthquake

भूकंप पृथ्वी की पपड़ी की गति के कारण जमीन का हिलना है।

भूकंप कितने प्रकार के होते है | Type of earthquake

भूकंप चार प्रकार के होते हैं: टेक्टोनिक, ज्वालामुखी, पतन और विस्फोट। एक टेक्टोनिक भूकंप वह होता है जो तब होता है जब चट्टानों और आसपास की प्लेटों पर भूवैज्ञानिक बलों के कारण पृथ्वी की पपड़ी टूट जाती है जिससे भौतिक और रासायनिक परिवर्तन होते हैं।


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यहाँ हमने जाना भूकंप क्या है, what is earthquake in Hindi Notes, what are the causes of earthquake, effects of earthquake इत्यादि के बारे में आशा करता हूँ की आपके लिए यह उपयोगी होगा. अगर इससे संबंधित कोई भी doubt हो तो आप हमे कमेंट के द्वारा बेझिझक पूछ सकते है।

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