इस पोस्ट में हम जानेगे बिहार बोर्ड क्लास 10 पाठ 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (ग) वन एवं वन्य प्राणी संसाधन subjective solution Notes के बारे में, हमने पिछले पोस्ट में जाना था वन एवं वन्य प्राणी संसाधन के objective के बारे में लेकिन यहाँ हम जानेगे इसके पुरे subjective के बारे में जाना हम लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के बारे में पढेंगे ., 10th class Geography, Van Evam Vanya Prani Sansadhan
पिछला अध्याय–
part-1 अध्याय-1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) objective solution Notes
part-2 पाठ-1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) objective solution Notes
अध्याय 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) प्राकृतिक संसाधन solution Notes
10th class Geography(भूगोल) chapter 1 भारत :संसाधन एवं उपयोग | खण्ड(ख) जल संसाधन Notes
अध्याय -1 भारत : संसाधन एवं उपयोग | खण्ड(ग) वन एवं वन्य प्राणी संसाधन objective solution Notes
Bihar Board Class 10 Geography chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (ग) वन एवं वन्य प्राणी संसाधन subjective solution Notes pdf
लघु उत्तरीय प्रश्न :-10th class Geography
प्रश्न 1. बिहार में वन संपदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए .
उत्तर– बिहार में वन संपदा की स्थिति बहुत ही दयनीय है. यहां कुल 6764.14 हेक्टेयर पर वन क्षेत्र है. जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 7.1 प्रतिशत है. लगभग 17 जिलों से वन एकदम समाप्त हो चुके हैं.
प्रश्न 2. वन विनाश के मुख्य कारको को लिखिए .
उत्तर– वन विनाश के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-
- आर्थिक लाभ के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई
- प्रदूषण
- अति पशुचारण
- वन क्षेत्र में कृषि और उद्योग विकसित करना
प्रश्न 3. वन के पर्यावरणीय महत्व का वर्णन कीजिए .
उत्तर– वन मानव जीवन के हमसफर है. यह पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच जैसा है. यह केवल संसाधन नहीं बल्कि परिस्थैतिक तंत्र के निर्माण का महत्वपूर्ण घटक है. अर्थात यह वायुमंडल में गैसों को संतुलित कर रखता है. अतः हम कह सकते हैं कि पर्यावरण दृष्टि से वनों का महत्वपूर्ण योगदान है.
प्रश्न 4. वन्यजीवों के ह्रास के के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए .
उत्तर– वन्यजीवों के ह्रास के चार कारक निम्नलिखित हैं:-
- आर्थिक लाभ के लिए वन्यजीवों का शिकार
- वन्य जीवो के प्राकृतिक आवास को नष्ट करना
- प्रदूषण से वन्यजीवों के जीवन चक्र पूरा नहीं होना
- वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकारी उदानिसता
प्रश्न 5. वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए .
उत्तर– भारत में अनेक रीति-रिवाजों में पेड़ पौधे और पशु-पक्षियों को देवी देवताओं के प्रतीक मानकर पूजा पाठ किया जाता है.जिससे इनका संरक्षण भी होता है . अतः हम कह सकते हैं कि वन और वन्य जीवों के संरक्षण में रीति रिवाज सहायक है.
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प्रश्न 6. चिपको आंदोलन क्या है ?
उत्तर– उत्तर प्रदेश टेहरी गढ़वाल पर्वतीय जिले में सुंदरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में अनपढ़ जनजातियों द्वारा 1972 में यह आंदोलन प्रारंभ हुआ. इस आंदोलन में स्थानीय लोग ठेकेदारों की कुल्हाड़ी से हरे-भरे पौधों को काटते देख, उसे बचाने के लिए अपने आगोश में पौधों को घेरकर इनकी रक्षा करने लगे. इसे कई देशों में स्वीकार किया गया.
प्रश्न 7. कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?
उत्तर– हिमालय यव ( चिड के प्रकार का सदाबहार वृक्ष) एक औषधीय पौधा जो हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता है. चिड़ी की छाल, पत्तियां, टहनियों और जड़ों से टैक्सोल नमक रसायन निकाला जाता है. तथा इसे कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है.
प्रश्न 8. 10 लुप्त होने वाले पशु पक्षियों का नाम लिखिए .
उत्तर– ब्लूटूथ खतरे से गिरे कुछ प्रमुख प्राणी हैं :-
कृष्णा सार, चीतल, भेड़िया, अनूपमृग, नीलगाय, भारतीय कुरंग, बारहसिंघा, चीता गैंडा सिंह, मगर, हसावर, मोर, हरा सागर कछुआ, कछुआ, लाल पांडा आदि.
प्रश्न 9. वन्य-जीवों के ह्रास में प्रदूषण जनित समस्याओं पर अपना विचार स्पष्ट कीजिए .
उत्तर-बदले प्रदूषण ने कई समस्याओं को जन्म दिया है. इसमें वन्यजीवों की संख्या में कमी के प्रमुख कारक पराबैंगनी किरणें, अम्ल वर्षा और हरित गृह प्रभाव है. इसके अतिरिक्त वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण के कारण वन एवं वन्य जीवों के जीवन चक्र गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है. जीवन चक्रण को पूर्ण किए बिना नए पौधे या जंतु का जन्म नहीं हो सकता है. फलतः वास स्थान रहने के बावजूद वन्य जीव धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं.
प्रश्न 10. भारत के प्रमुख जैवमंडल क्षेत्र का नाम, क्षेत्रफल एवं राज्यों का नाम बताएं.
- उत्तर- सुंदरवन जिसका क्षेत्रफल 9,630 तथा राज्यों का नाम गंगा- ब्रह्मपुत्र के डेल्टा और इसका भाग( पश्चिम बंगाल)
- नीलगिरी जिसका क्षेत्रफल 5,520 तथा राज्यों का नाम वायदान, नगरहोल, बांदीपुर, मुदुमलाई, निलंबूर, बैली और सिरुवाली पहाड़िया( तमिल नाडु, केरल और कर्नाटक)
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-10th class Geography
प्रश्न 1. वन एवं वन्य जीवों के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए .
उत्तर– वन एवं वन्य प्राणी मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं. वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच जैसा है. यह केवल एक संसाधन ही नहीं बल्कि परिस्थैतिक तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक है. हमारा इनसे अटूट संबंध है. वास्तव में वन प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है. सृष्टि के आरंभ से ही मानव इसके अंचल में पोषित होता रहा है.
वन एवं वन्य प्राणी मानव के लिए पर स्थापित होने वाले संसाधने. यह इस जीव मंडल में सर्वाधिक योगदान देता है. क्योंकि सभी जीवो के लिए खाद्य उर्जा का आरंभिक स्रोत वनस्पति है. हम वन और वन्य प्राणी के महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं और तेजी से इस संसाधन का विदोहन कर रहे हैं.वस्तुतः हमे वन और वन्य जोवो के संसाधनों को संरक्षण देना चाहिए .
प्रश्न 2.वृक्षों के घनत्व के अधार पर वनों का वर्गीकरण कीजिए और सभी वर्गों का वर्णन विस्तार से कीजिए .
उत्तर– वृक्षों के घनत्व के आधार पर गुणों को 5 वर्गों में बांटा गया है जो निम्नलिखित हैं:-
(1). अत्यंत सघन वन :- भारत में इस प्रकार का वन का विस्तार 54.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.66 प्रतिशत है, असम और सिक्किम को छोड़कर सभी पूर्वोत्तर राज्य इस वर्ग में आते हैं. इन क्षेत्रों में वनों का घनत्व 75% से अधिक है.
(2). सघन वन:- इसके अंतर्गत 73.60 लाख हेक्टेयर भूमि आते हैं जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3% है. हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र एवं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार के वनों का विस्तार है. यहां वनों का घनत्व 62.99% है.
(3) खुले वन:- 2.59 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर इस वर्ग के वनों का विस्तार है, यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.12 प्रतिशत है कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के कुल जिलों एवं असम के 16 आदिवासी जिलों में इस प्रकार के वनों का विस्तार है. असम के आदिवासी जिलों में वृक्षों का विस्तार 23.89 प्रतिशत है.
(4) झाड़ीय एवं अन्य वन:- राजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र एवं अर्धशुष्क क्षेत्र में इस प्रकार के वन पाए जाते हैं. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, एवं पश्चिम बंगाल के मैदानी भागों में वृक्षों का घनत्व 10% से भी कम है इसलिए यह क्षेत्र इसी वर्ग में सम्मिलित है. इसके अंतर्गत2.459 करोड़ हेक्टेयर भूमि आते हैं, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 8.68 प्रतिशत है.
(5) मैग्रोव वन :- देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 0.14 प्रतिशत क्षेत्र (4.4 लाख हेक्टेयर) में ही मैग्रोव है. पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा क्षेत्र अर्थात 47.6 प्रतिशत इसके अंतर्गत जबकि गुजरात दूसरे स्थान पर है, यहां 21 प्रतिशत क्षेत्र में मैग्रोव का विस्तार है और तीसरे स्थान पर अंडमान-निकोबार दीप समूह. जहां मात्र 14% क्षेत्र में मैग्रोव फैला है.
प्रश्न 3. जैव विविधता क्या है ? यह मानव के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? विस्तार से लिखिए.
उत्तर– धरती पर जितने भी जीव जंतु और पेड़ पौधे हैं उन सबके जीवन शैली, रहन-सहन, खान-पान आदी में विभिनता है. किसी का अधिकांश समय हवा में तो किसी काजल में, तो किसी का जमीन पर भिन्नता है पेड़ पौधे का तो एक ही स्थान पर जीवन बीत जाता है. कुछ विषमपोषी में तो कुछ स्वपोषी है यह स्थितियां जैव विविधता है.
जैव विविधता से ही प्रकृति की रमणीयता में चार चांद लगता है. वनों में पशुओं की दहाड़, पहाड़ों की वादियों, वृक्षों पर उछलते-कूदते पक्षियां, जल में नृत्य करती मछलियां भला किसे अच्छी नहीं लगती है.
जैव विभिनता के बिना मानव जीवन की कल्पना बेमानी है क्योंकि किसी कारण मानव को खाद्य-पदार्थ,, औषधियां, इमारत की लकड़ियां अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. अतः हम कह सकते हैं कि जैव विविधता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
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प्रश्न 4. विस्तारपूर्वक बताइए कि मानव क्रियाएं किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पति और प्राणी जात के ह्रास के कारण है ?
उत्तर– भारत में अनेक मानवीय क्रिया-कलापे ऐसी हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और वनस्पति तथा प्राणी जात के ह्रास के कारण बन जाता है .
आर्थिक लाभ के लिए और विकास के नाम पर मानव वनों का अंधाधुंध कटाई कर रहा है .साथ ही साथ मानव जनित प्रदूषण से पेड़ पौधे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिससे वनस्पतियों की संख्या में कमी आ रही है.
मानवीय क्रिया कलापो में वन्यजीवों को भी नहीं छोड़ा है. आर्थिक लाभ के लिए इनका अवैध शिकार किया जा रहा है. मानव जनित प्रदूषण से अनेकों वन्यजीवों का जीवन चक्र भी पूरा नहीं हो रहा है. इसके अतिरिक्त वनों के विनाश होने से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास भी नष्ट हो रहा है अतः हम कह सकते हैं कि मानव क्रिया कलापे प्राणी जात के ह्रास के कारण हैं .
प्रश्न 5.भारतीय जैवमंडल क्षेत्रों की चर्चा विस्तार से कीजिए .
उत्तर– भारत में पशुओं एवं वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां पाई जाती है. वनस्पतियों एवं जीवो के समूह द्वारा जैवमंडल की संरचना हुई है. भारत में इन जैवमंडलो अर्थात वन्यजीवों अभ्यारण के कई सुरक्षित क्षेत्र हैं. जिनमें विशेष प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं. प्रोजेक्ट टाइगर विश्व के वन्य जीव परियोजना में से एक है जो पश्चिम बंगाल के सुंदरवन डेल्टा में है.
यह बाघों का सुरक्षा स्थल है. इसके अतिरिक्त उत्तराखंड में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान, मध्यप्रदेश में बांधवगढ़, राजस्थान में सिरिस्का जीव पशु बिहार, असम में मानस बाघ रिजर्व और केरल के पेरियार बाघ रिजर्व प्रमुख है .धाना पंछी बिहार राजस्थान का प्रमुख अभ्यारण है जहां विभिन्न प्रकार की पंछीयां पाई जाती हैं. असम का मानस बाघ सुरक्षित बाघ अभ्यारण प्रमुख हैं जैव सुरक्षित क्षेत्र में से एक है. गुजरात का गीर सुरक्षित जीव क्षेत्र शेर के लिए सुरक्षित क्षेत्र है.
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>>जर्मनी का एकीकरण से जुडी तथ्य
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