NCERT 10th class Geography Chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (घ) खनिज संसाधन solution Notes

यहाँ हम जानेगे बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल इकाई 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (घ) खनिज संसाधन के subjective और objective के बारे में. यहाँ हम वस्तुनिष्ट प्रश्न , लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के साथ-साथ किताब के सभी objective प्रशो के हल जानेगे . खनिज संसाधन subjective question and answer, भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (घ) खनिज संसाधन प्रश्नोत्तरी, 10th class Geography, 10th class geography khanij sansadhan

पिछला अध्याय- 10th class Geography

part-1 अध्याय-1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) objective solution Notes

part-2 पाठ-1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) objective solution Notes

अध्याय 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (क) प्राकृतिक संसाधन solution Notes

10th class Geography(भूगोल) chapter 1 भारत :संसाधन एवं उपयोग | खण्ड(ख) जल संसाधन Notes

अध्याय -1 भारत : संसाधन एवं उपयोग | खण्ड(ग) वन एवं वन्य प्राणी संसाधन objective solution Notes

भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (ग) वन एवं वन्य प्राणी संसाधन subjective solution Notes

Bihar Board कक्षा 10 अध्याय 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग खण्ड (घ) खनिज संसाधन solution Notes pdf

10th class Geography objective solution:-

प्रश्न 1. भारत में कितने खनिज मिलते हैं ?

उत्तर- 100 से अधिक

प्रश्न 2. खनिज किसे कहते हैं ?

उत्तर– खनिज वे प्राकृतिक योगिक हैं जिसकी की संरचना तथा संघटक एक समान होते हैं जो चट्टानों तथा अयस्को में पाए जाते हैं.इनकी उत्पत्ति में होने वाले विभिन्न भू वैज्ञानिक प्रक्रियाओ द्वारा हुई है.

प्रश्न 3. विश्व में कुल कितने खनिज ज्ञात हैं ?

उत्तर– 2,000 से अधिक

प्रश्न 4. कितने खनिज आर्थिक महत्व के हैं ?

उत्तर– 30

प्रश्न 5. खनिजों का वर्गीकरण कर वर्णन करें .

 उत्तर– खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं :-

(1) धात्विक खनिज :-

इस खनिजों में धातु होता है जैसे लौह, अयस्क, तांबा निकोल, मैगनीज आदि यह दो प्रकार के होते हैं :-

  1.  लौह  युक्त खनिज :- जिन धातुओं में लौह का अंश  अधिक पाया जाता है वे लौह  युक्त खनिज कहलाते हैं जैसे-लौह  वयस्क, मैग्नीज निकिल, टंगस्टन आदि
  2. अलौहयूक्त खनिज:- जिन धातुओं में लोहे का अंश नहीं होता है उसे अलौहयूक्त खनिज कहते हैं जैसे- सोना, चांदी, शीशा बॉक्साइट टीम आदि

(2) अधात्विक खनिज:-

इन खनिजों में धातु नहीं होता है जैसे- चुना, पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम आदि. यह दो प्रकार के होते हैं:-

  1.  कार्बनिक खनिज:- इसमें जीवाश्म होते हैं. यह पृथ्वी में दबे प्राणी एवं पादप जीवो के परिवर्तित होने से बनते हैं जैसे- कोयला, पेट्रोलियम आदि.
  2.  अकार्बनिक खनिज:- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे- अभ्रक, ग्रेफाइट आदि.

 प्रश्न 6. धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में क्या अंतर है .

उत्तर

धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता हैअधात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त नहीं होता है
यह कठोर एवं चमकीले होते हैंइसकी अपनी चमक होती है
ये प्रायः आग्नेय चट्टानों में मिलते हैंयह प्रायः परतदार चट्टानों में मिलते हैं
इन्हें पीटकर तार बनाया जा सकता है यह पीटने पर टूटता नहीं है.इन्हें पीटकर तार नहीं बनाया जा सकता है.इसे पीटने पर चूर चूर हो जाता है
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अंतर

प्रश्न 7.लौह  खनिज तथा अलौह खनिज में क्या अंतर है ?

उत्तर

लौह खनिज अलौह खनिज
जिन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है तथा उनका उपयोग लोहा एवं इस्पात बनाने में किया जाता हैजिन खनिजों मैं लोहे का अंश नहीं पाया जाता है जैसे-सोना, सीसा अभ्रक
ये स्लेटी, घुसर, मटमैला आदि रंग के होते हैंये  होते हैं अनेक रंग के होते हैं
ये रवेदार चट्टानों में पाया जाता हैयह सभी प्रकार के चट्टानों में पाया जाता है
लौह  खनिज तथा अलौह खनिज में अंतर

 लघु उत्तरीय प्रश्न :-10th class Geography

प्रश्न1.  खनिज क्या है ?

उत्तर– खनिज वे प्राकृतिक योगिक हैं जिसकी की संरचना तथा संघटक एक समान होते हैं जो चट्टानों तथा अयस्को में पाए जाते हैं.इनकी उत्पत्ति में होने वाले विभिन्न भू वैज्ञानिक प्रक्रियाओ द्वारा हुई है.

प्रश्न 2.  धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या है ?

 उत्तर

  1.  ये कठोर एवं चमकीले होते हैं.
  2. ये पीटने पर टूटते नहीं हैं

 प्रश्न 3. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए .

 उत्तर– खनिजों के निम्नलिखित विशेषताएं हैं:-

  •  इनका वितरण असमान है .
  •  अधिक गुणवत्ता वाले खनिज तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाए जाते हैं
  •  खनिज संभाव्य संसाधन है
  •  एक बार उपयोग करने के बाद खनिज का पुनः उपयोग नहीं होता है

प्रश्न 4. लौह  अयस्क के प्रकारों के नाम लिखिए.

उत्तर– लौह  अयस्क के  प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं :-

  • हेमेटाइट
  •  मैग्नेटाइट
  •  लिमोनाइट

प्रश्न 5. लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए.

उत्तर– लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्य निम्नलिखित है:-

 कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, असम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि.

प्रश्न 6. झारखंड के मुख्य लौह  उत्पादक जिलों के नाम लिखिए.

 उत्तर– झारखंड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम निम्नलिखित हैं:-

 सिंहभूम, सरायकेला, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, लोहरदगा तथा रांची

प्रश्न 7. मैग्नीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए .

 उत्तर– इसका उपयोग:-

  •  जंगरोधी इस्पात बनाने में
  • लोहा एवं मैग्नीज के मिश्र धातु बनाने में
  •  शुष्क बैटरी में
  •  फोटोग्राफी में
  •  चमड़ा और माचिस उद्योग में होता है

प्रश्न 8. अल्मुनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए .

 उत्तर– अलमुनियम का उपयोग:-

  •  वायुयान निर्माण में
  •   विधुत उपकरण निर्माण में
  •  घरेलू साज-साज के निर्माण में
  •  बर्तन बनाने में
  •  सफेद सीमेंट बनाने में
  •  रसायनिक वस्तुएं बनाने में होता है

प्रश्न 9. अभ्रक का उपयोग क्या है ?

 उत्तर– अभ्रक का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों मैं और विधुत उपकरण बनाने में होता है.

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प्रश्न 10. चूना पत्थर की क्या उपयोगिता है ?

 उत्तर– चुना पत्थर का उपयोग:-

  •  सीमेंट बनाने में
  •  रसायन उद्योग में
  •  उर्वरक उद्योग में
  •  कागज एवं चीनी उद्योग में

 प्रश्न 11. खनिजों की मुख्य विशेषता का उल्लेख कीजिए.

 उत्तर– खनिजों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार है:-

  • ये खानों से अशुद्ध अवस्था में प्राप्त किए जाते हैं
  •  इन्हें भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा शुद्ध किया जाता है
  •  खनिज हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है
  •  खनिज पदार्थ किसी भी राष्ट्र  की आर्थिक रीढ है

प्रश्न 12. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ?

 उत्तर- खनिज समाप्त संसाधन है. परंतु इसके बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है इस के भंडार को देखते हुए भविष्य के लिए बचाना जरूर है. अतः नियोजित एवं विवेकपूर्ण उपयोग द्वारा इसे बचाना ही खनिजों का संरक्षण है, और इसके संरक्षण के लिए जो कार्य किए जाते हैं उसे खनिजों का प्रबंधन कहते हैं.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :- 10th class Geography

प्रश्न 1. खनिज कितने प्रकार के होते है? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिये.

उत्तर– खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं :-

(1) धात्विक खनिज :-

इस खनिजों में धातु होता है जैसे लौह, अयस्क, तांबा निकोल, मैगनीज आदि यह दो प्रकार के होते हैं :-

  1.  लौह  युक्त खनिज :- जिन धातुओं में लौह का अंश  अधिक पाया जाता है वे लौह  युक्त खनिज कहलाते हैं जैसे-लौह  वयस्क, मैग्नीज निकिल, टंगस्टन आदि
  2. अलौहयूक्त खनिज:- जिन धातुओं में लोहे का अंश नहीं होता है उसे अलौहयूक्त खनिज कहते हैं जैसे- सोना, चांदी, शीशा बॉक्साइट टीम आदि

(2) अधात्विक खनिज:-

इन खनिजों में धातु नहीं होता है जैसे- चुना, पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम आदि. यह दो प्रकार के होते हैं:-

  1.  कार्बनिक खनिज:- इसमें जीवाश्म होते हैं. यह पृथ्वी में दबे प्राणी एवं पादप जीवो के परिवर्तित होने से बनते हैं जैसे- कोयला, पेट्रोलियम आदि.
  2.  अकार्बनिक खनिज:- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे- अभ्रक, ग्रेफाइट आदि.

प्रश्न 2. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है? तुलना कीजिये .

उत्तर

धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता हैअधात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त नहीं होता है
यह कठोर एवं चमकीले होते हैंइसकी अपनी चमक होती है
ये प्रायः आग्नेय चट्टानों में मिलते हैंयह प्रायः परतदार चट्टानों में मिलते हैं
इन्हें पीटकर तार बनाया जा सकता है यह पीटने पर टूटता नहीं है.इन्हें पीटकर तार नहीं बनाया जा सकता है.इसे पीटने पर चूर चूर हो जाता है
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अंतर

प्रश्न 3.भारत की खनिज पेटियों का नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन किजीये .

उत्तर– भारत के खनिज के नाम लिखे तीन पेटियां है:-

  1.  उत्तर पूर्व पठार
  2.  दक्षिण पूर्व पठार
  3.  उत्तर पश्चिम पठार

उत्तर पूर्व पठार:-

यह देश के सबसे घनी खनिज पट्टी है जिसमें छोटा नागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आंध्र प्रदेश का पठार अवस्थित है. इस पट्टी में लौह अयस्क, मैग्नीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चुना पत्थर, ढोलामाईट, तांबा, थोरियम, यूरेनियम, क्रोमियम, सीलिंग लाइट सिलीमेंलाइट तथा फास्फेट का विशाल भंडारा है.

दक्षिण पश्चिम पठार:-

यह पट्टी कर्नाटक के पठार एवं निकटवर्ती तमिलनाडु के पठार पर फैला हुआ है  यहां लौह अयस्क, मैग्नीज, बॉक्साइट, आदि भारी मात्रा में पाए जाते हैं. देश के सभी तीनों सोने के खानों इसी पट्टी में मौजूद है.

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प्रश्न 4. लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं को लिखिए .

 उत्तर– वैसे खनिज जिनसे लोहा प्राप्त किया जाता है लोहे के अयस्क कहलाते हैं .लोहे का अयस्क मैग्नेटाइट और हेमाटाइट है. इसकी विशेषताएं इस प्रकार है:-

(1). मैग्नेटाइट:-

 मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है. इसमें 70% लौहांश पाया जाता है. इसमें सर्वश्रेष्ठ चुंबकीय गुण भी होते हैं जो विधुत उद्योगों में विशेष रूप से उपयोगी हैं.

(2) हेमेटाइट:-

 हेमेटाइट सबसे अधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है. इसके बहुत बड़ी मात्रा का उपयोग हुआ है. इसमें लौहांश की मात्रा  मैग्नेटाइट की अपेक्षा कम होती है. यह लगभग 50-60% तक है.\

 प्रश्न 5. भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालिए.

 उत्तर– हमारे देश में लौह अयस्क के विशाल भंडार है. यहां की मुख्य लौह अयस्क पेटियां निम्नलिखित हैं:-

(1). उड़ीसा-झारखंड :- 

उड़ीसा में उच्च कोटि का हेमेटाइट लौह अयस्क मिलता है. यहां मयूरभंज तथा केमूझर जिले में बादाम पहाड़ की खदानों से निकाला जाता है. इसके साथ ही झारखंड के सिंहभूम जिले में गुआ तथा नोआमुंडी में भी हेमेटाइट अयस्क का खनन किया जाता है 

(2).दुर्ग-बस्तर-चंद्रपुर पेटी:-

  यह पेटी महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ राज्य में फैली हुई है. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिलों की वेलाडीला पहाड़ी श्रृंखला में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है. यहां इस गुणवत्ता के लौह के 14 जमाव मिलते हैं. इस अयस्क में इस्पात बनाने मैं आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौतिक गुण पाए जाते हैं. इन खदानों का लौह अयस्क विशाखापट्टनम पतन से जापान तथा दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता है.

(3) बेलारी- चित्तदुर्ग ,चिकम गलूर-तुमकुर :-

कर्नाटक के इस पेटी में लौह अयस्क के बहुत बड़े भंडार मिलते हैं. कर्नाटक में पश्चिम घाट मे स्थित कुंद्रेमुख के खानों से प्राप्त प्रायः समतल लौह अयस्क निर्यात कर दिया जाता है.कुद्रेमुख निक्षेप संसार के सबसे बड़े निक्षेपो में से एक है. अयस्क स्लरी के रूप में पाइप लाइन द्वारा बैंगलोर के निकट वरती पतन पर भेजा जाता है.

(4) महाराष्ट्र गोवा पेटी:-

 यह पीटीए गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य के स्तनागरी जिले में स्थित है. यह लोहा उत्तम कोटि का नहीं है. इसका मरमगाओ पतंग से निर्यात किया जाता है.

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प्रश्न 6. मैगनीज अथवा बॉक्साइट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए.

 उत्तर– मैगनीज के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में रूस एवं दक्षिण अफ्रीका के बाद तीसरा स्थान पर है .

उपयोगिता:– मैगनीज का उपयोग शुष्क बैटरीयो में फोटोग्राफी, चमड़ा एवं माचिस उद्योग में होता है.

 वितरण:- भारत में मैग्नीज की संचित भंडार 1670 लाख टन है. विश्व में जिंबाब्वे के बाद भारत में ही मैंगनीज का सबसे बड़ा संचित भंडार है.

 भारत में उत्पादन के मुख्य श्रेय उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश है. भारत का 78% से ज्यादा मैगनीज अयस्क का भंडार महाराष्ट्र के नागपुर तथा भंडारा जिलों से लेकर मध्य प्रदेश के बालाघात एवं हिंद वाड़ा जिलों तक फैली पेटी में मिलते हैं.

 प्रश्न 7. अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालिए.

 उत्तर– 

उपयोगिता:-अभ्रक अधात्विक खनिज है. इसकी उपयोगिता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में होता है. प्राचीन काल में अभ्रक का उपयोग आयुर्वेदिक दवा निर्माण में होता था. उच्च विधुतरोधक क्षमता के कारण इसका उपयोगिता विधुत में होता है.

 वितरण:- अभ्रक की निष्पक्ष तीन बेटियां हैं:-

  1.  बिहार
  2.  झारखंड एवं
  3.  राजस्थान

 भारत में अभ्रक का कुल भंडार 59065 टन है. 2002-3 में इसका उत्पादन 1217 था झारखंड में उत्तम कोटि का रूबी अभ्रक का उत्पादन होता है. धनबाद, पलामू, रांची एवं सिंहभूम जिलों में अभ्रक के भंडार हैं. राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर में अभ्रक पाया जाता है. बिहार में गया, मुंगेर तथा भागलपुर में अभ्रक की पेटियां हैं.

प्रश्न 8. खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझाइये.

 उत्तर– खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है यह उद्योगों का आधार है. इसके बिना औद्योगिक विकास संभव नहीं है. इसे बनने में लाखो वर्ष लगते हैं. अतः इसका संरक्षण बहुत जरूरी है. इसके संरक्षण के निम्न उपाय हो सकते हैं,

  •  खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग
  •  खनिजों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण
  •  खनिजों का बचत पूर्वक उपयोग और कच्चे माल के रूप में शर्तें विवेक का खोज
  •  खनिजों की विवेक की खोज
  •  खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों का बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग
  •  परिस्थितिक पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण
  •  खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति अपनाना

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