दोस्तों इसमें हम जानेंगे Maths formula : चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र | Compound Interest Formula के बारे में यह जानकारी ये जानकारी सभी class के लिए है यानि ये Maths Formula BSEB Class 1 to 12 with PDF या chakrvridhi byaj ka sutr यह किसी की exam के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है। All Maths Formula, चक्रवृद्धि ब्याज से संबंधित सूत्र
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चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र | Compound Interest Formula
☀ चक्रवृद्धि ब्याज :- कभी-कभी उधार दिए गए धन को चुकता करने के लिए एक निश्चित अवधि तय कर दी जाती है यह अवधि प्राया वार्षिक अथवा छमाही अथवा तिमाही होती है इस अवधि की समाप्ति के बाद ब्याज को मूलधन में जोड़ने पर बना मिश्रधन अगली अवधि के लिए मूलधन बन जाता है।
प्रत्येक अवधि के लिए यही क्रिया दोहराई जाती है
☀ अंत में प्राप्त मिश्रधन ही चक्रवृद्धि मिश्रधन कहलाता है
☀चक्रवृद्धि ब्याज = ( चक्रवृद्धि मिश्रधन ) – ( मूलधन )
☀ माना मूलधन = P दर = R% वार्षिक तथासमय = n वर्ष
(i) जब ब्याज वार्षिक देय हो तब चक्रवृद्धि मिश्रधन = P × (1 + R/100)n.
(ii) जब ब्याज छमाही देय हो तब दर (R/2)% प्रति छमाही तथा समय = (2n) छमाही.
चक्रवृद्धि मिश्रधन = P × {1 + R/ (2 ×100)}2n
(iii) जग ब्याज तिमाही दे हो तब दर(R/4)% प्रति तिमाही तथा समय = (4n) तिमाही
चक्रवृद्धि मिश्रधन = P × { 1+R/(4 ×100) }4n
(iv) जब समय एक परिमेय संख्या हो जैसे4(⅔) वर्ष तथा ब्याज वार्षिक देय हो तब
चक्रवृद्धि मिश्रधन = P ×(1+R/100)4 × {1 + (2/3)R/100 }
(v) जब ब्याज की दर पहले वर्ष = R1%, दूसरे वर्ष = R2%, तथा तीसरे वर्ष = R3%, हो तब चक्रवृद्धि मिश्रधन =
P × ( 1 + R1/100) × ( 1 +R2/100) × ( 1 + R3/100)
(vi) माना कोई धन = ₹ x , n वर्ष बाद देय है तथा ब्याज की दर = R% वार्षिक है तो इस धन का वर्तमान मूल्य
= { X/(1+R/100)n }
☀चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन [{1+(दर/100)समय}- 1]
☀ मिश्रधन = मूलधन (1 + दर/100)समय
☀ 2 वर्षों का चक्रवृद्धि ब्याज 2 वर्ष के साधारण ब्याज से अधिक होगा और इन दोनों ब्याज का अंतर 1 वर्ष के साधारण ब्याज का ब्याज होगा
☀ चक्रवृद्धि ब्याज अर्धवार्षिक अर्थात ब्याज गुण जोड़ने की अवधि छमाही होने पर वर्ष की संख्या को दोगुना और ब्याज की वार्षिक दर को आधा कर दिया जाता है
☀ चक्रवृद्धि ब्याज त्रैमासिक अर्थात ब्याज जोड़ने की अवधि तिमाही होने पर वर्ष की संख्या को चौगुना और ब्याज की वार्षिक दर को चौथाई कर दिया जाता है
☀चक्रवृद्धि ब्याज के अंतर्गत कोई धन n वर्षों में m गुना हो जाए, तो धन
(i) 2n वर्षों में 2m गुना होगा जबकि m = 2
(ii) 2n वर्षों में कम समय में 2m गुना होगा जबकि m > 2
(iii) 2n वर्षों से अधिक समय में 2m गुना होगा जबकि n < 2