नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में जानेंगे Maths Formula : घातांक तथा करणी के नियम का सूत्र | law of Exponentiation and Radiance Formulas के बारे में ये जानकारी सभी class के लिए है यानि ये Maths Formula BSEB Class 1 to 12 with PDF या law of Exponentiation and Radiance Formulas या किसी की exam के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है। All Maths Formula
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घातांक तथा करणी के नियम का सूत्र | law of Exponentiation and Radiance Formulas
⇒ 17 वीं शताब्दी में एक फ्रांसीसी गणितज्ञ रेने देकार्त आने एक ही संख्या का कई बार गुणा करने पर प्राप्त गुणनफल को एक विशेष नियम द्वारा प्रतिपादित किया, जिसे घांताक कहा गया तथा इसके विपरीत रूप में लिखने के नियम को करणी कहा गया.
☀ महत्वपूर्ण सूत्र
1. यदि किसी संख्या को उसी संख्या से n बार गुणा किया जाए तो निम्नवत प्राप्त होता हैं-
a x a x a x a x …………x a (n बार) = an
(i) यहां n व a वास्तविक संख्याएँ हैं
(ii) a को आधार (base) कहते हैं
(iii) n को घांताक(Indices) कहते हैं
2. गुणा करने पर यदि आधार बराबर (सामान) हो, तो घांताकॉ को जोड़ दिया जाता है,
(i)am x an = am + n
(ii) xa × xb × xc = xa + b + c
3.यदि घांताक बराबर हो, तो गुणा करने पर-
(i) ax × bx × cx = (abc)x = ax bx cx
(ii) a2 × b2 × c2 = (abc)2 = a2b2c2
4. भाग करते समय यदि आधार बराबर हो, तो अंश के घांताकॉ से हर का घात हटा दिया जाता है-
(i) am ÷ an = am – n
(ii) am × an ÷ ap = a(m + n – p)
5. यदि किसी पूर्णांक पर ऋणात्मक घातांक हो, तो उसे निम्नवत लिख सकते हैं, जैसे-
(i) a-m = 1/am = 1/a-m
(ii) a-3 = 1/a3 या a3 = 1/a-3
6. यदि घातांक के ऊपर और घातांक लगी हो, तो घातांको को आपस में गुणा करते हैं-
(i) (am)n = amn
(ii) (am)1/n = am/n
(iii) {(am)n}p = amnp
7. यदि घातांक भिन्न के रूप की हो, तो उसे निम्नवत लिखेंगे-
(i) am/n = a-n/m
(ii) a-m/p = ap/m
8. यदि आधार भिन्न के रूप का हो, तब
(i) (a/b)m = am/bm5
(ii) (a/b)-m = (b/a)+m
9. यदि समीकरण ax = ay हो, तो X = Y होता है तथा यदि Xa = Ya हो, तब X = Y होता है.
10. यदि किसी संख्या पर घातांक शून्य हो तो उसका मान हमेशा 1 होता है
X0= 1 , 50 = 1 , 100 = 1, 50000 = 1
11. यदि संख्या मापांक (Modulus) में हो, तब
(i) | x | = x यदि x ≥ 0
तथा (ii) | x | = – x यदि x < 0
करणी (Surds)
1. यदि a एक परिमेय संख्या है तथा n एक धन पूर्णांक है, तब यदि a का nवाँ मूल a1/n या n√a एक अपरिमेय संख्या हो , तो n√ a को n की घात की करणी कहते हैं अर्थात n√a एक करणी है, जब
(i) a एक परिमेय संख्या हो ,
(ii) n एक धन पूर्णांक हो
(iii) n√a एक अपरिमेय संख्या हो
2. यदि n√a एक करणी हो , तो n को करणी घात तथा a को करणीगत कहते हैं.
3. प्रत्येक करणी एक अपरिमेय संख्या हो सकती है, परंतु प्रत्येक अपरिमेय संख्या एक करणी नहीं हो सकती है जैसे-
(i) √{5 + 2√3 } एक अपरिमेय संख्या है किंतु यह एक करणी नहीं है, क्योंकि 5 + 2√3 एक परिमेय संख्या नहीं है
(ii) {√ √3 } एक करणी प्रतीत नहीं होती है, क्योंकि √3 एक अपरिमेय संख्या है, किंतु इसे एक करणी माना जाता है, क्योंकि इसे 4√3 के रूप में व्यक्त कर सकते हैं.
4. मिश्र करणी (Mixed Surds) – जिस करणी का एक गुणनखंड 1 के अतिरिक्त अन्य कोई परिमेय संख्या हो एवं दूसरा गुणनखंड अपरिमेय संख्या हो, तो उसे मिश्र करणी कहते हैं
जैसे – 5√2 , 2√2, 3√5,………आदि.
5. शुद्ध करणी ( पूर्ण करणी) – जिस करणी का एक गुणनखण्ड 1 हो एवं दूसरा गुणनखंड अपरिमेय संख्या हो, तो उसे शुद्ध करणी कहते हैं जैसे – 3√7, √5, √2, …………..आदि
6. समरूप करणी (Similar Surds) – जिस करणीयों के अपरिमेय गुणनखंड समान हो, उसे समरूप करणीयाँ कहते हैं, जैसे-
2√3 तथा 5√3 : 3√2 तथा 4√2, ……….आदि.
7. अपरिमेय संख्या जैसे – √2, √3 √5, √7,…….. आदि का दशमलव निरूपण अंतन्तः (असीमित) अनावर्ती होता है, जैसे –
√2 = 1.41421……
√3 = 1.73205…….
√5 = 2.23607…….
√7 = 2.64575……..
☀ करणी के नियम (Laws of Surds):-
(i) n√a = a1/n
(ii) (n√a)n = (a1/n)n = an/n = a
(iii) n√ab = n√a × n√b = a1/n × b1/n
(iv) n√n√a = ((a)1/n)1/n = a1/n2
(v) n√a/b = n√a/ n√b = (a/b)1/n
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