हम यहाँ भारतीय संविधान के कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद के बारे में जानेगे और विस्तार से समझेंगे. भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद | Important Articles of the Indian Constitution in Hindi pdf, संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद कौन कौन है, भारतीय संविधान की धाराएं pdf, भारतीय संविधान इन हिंदी क्विज PDF Download, Important Articles of Indian Constitution in Hindi PDF,
आर्टिकल १ तो ३९५ इन हिंदी PDF
संविधान में कुल 395 अनुच्यछेद है जो यहाँ हमने कुछ जानकारी दी हुई है . Lucent समान्य ज्ञान से लिया गया है
अनुच्छेद 1
यह घोषणा करता है कि भारत ‘राज्यों का संघ’ है।
अनुच्छेद 3
संसद विधि द्वारा नये राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है।
अनुच्छेद 5
संविधान के प्रारंभ होने के समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहाँ के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों।
अनुच्छेद 53
संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी।
अनुच्छेद 64
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन अध्यक्ष होगा।
अनच्छेद 74
एक मंत्रिपरिषद् होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा, जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य संपन्न करेगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है, पर पुनर्विचार के पश्चात दी गई सलाह के अनसार वह कार्य करेगा। इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जायेगी।
अनुच्छेद 76
राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जायेगी।
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अनुच्छेद 78
प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद् के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे, यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे ।
अनुच्छेद 86
इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है।
अनुच्छेद 89
राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति ।
अनुच्छेद 108
यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है।
अनुच्छेद 110
धन विधेयक को इसमें परिभाषित किया गया है।
अनुच्छेद 111
संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है। राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है। वह संदेश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, पर यदि दुबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नहीं करेगा।
अनुच्छेद 112
प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जायेगा।
अनुच्छेद 123
संसद के अवकाश (सत्र नहीं चलने की स्थिति) में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार ।
अनुच्छेद 124
इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है।
अनुच्छेद 129
सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है।
अनुच्छेद 148
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी। 1
अनुच्छेद 163
राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद् एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा, पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद के सझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा।
अनुच्छेद 169
राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधानसभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति से संभव है।
अनुच्छेद 200
राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है। वह इस विधेयक को संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है, पर पुनर्विचार के बाद दुबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है।
अनुच्छेद 213
राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
अनुच्छेद 214
सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी।
अनुच्छेद 226
मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियाँ।
अनुच्छेद 233
जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जायेगी।
अनुच्छेद 235
उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायालया पर रहेगा।
अनुच्छेद 239
केन्द्रशासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या एक प्रशासक का नियुक्ति कर सकता है।
अनुच्छेद 243
इसमें पंचायत एवं नगरपालिका के गठन, संरचना, आरक्षण, शक्तियाँ, प्राधिकार एवं उत्तरदायित्व से संबंधित प्रावधान दिया गया है।
अनुच्छेद 245 : संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के लिए
कानून बना सकती है।
अनच्छेद 248 : विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में
निहित हैं।
अनच्छेद 249
राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोकसभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकत कर सकती है, यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे।
अनुच्छेद 262
अंतरराज्यीय नदियों या नदी-घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद विधि द्वारा निर्णय कर सकती है।
अनुच्छेद 263
केन्द्र-राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद् की स्थापना कर सकता है।
अनुच्छेद 266
भारत की संचित निधि, जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियाँ एकत्र रहेंगी, विधि-सम्मत प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राशि नहीं निकाली जा सकती है।
अनुच्छेद 267
संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है, जिसमें अकस्मात उत्पन्न परिस्थितियों के लिए राशि एकत्र की जायेगी।
अनुच्छेद 275
केन्द्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिये जाने का प्रावधान।
अनुच्छेद 280
राष्ट्रपति हर पाँचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा, जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगे तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंसा करेगा।
अनुच्छेद 300
क : राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा । पहले यह प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था, पर संविधान के 44वें संशोधन, 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 (क) में एक सामान्य वैधानिक (कानूनी) अधिकार के रूप में अवस्थित किया गया।
अनुच्छेद 312
राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है।
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अनुच्छेद 315
संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जायेगी। ___ अनुच्छेद 324 : चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियाँ चनाव आयोग में निहित रहेंगी।
अनुच्छेद 326
लोकसभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा।
अनुच्छेद 330
लोकसभा में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए आरक्षण।
अनुच्छेद 331
आंग्ल-भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति बारा लोकसभा में मनोनयन संभव है, यदि वह समझे कि उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है।
अनुच्छेद 332
अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान ।
अनुच्छेद 333
आंग्ल-भारतीय समदाय के लोगों का विधानसभाओं में मनोनयन।
अनुच्छेद 335
अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान ।
अनुच्छेद 338
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
अनुच्छेद 338 (क)
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
अनुच्छेद 340
पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियक्ति
अनुच्छेद 343
संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई ‘हिन्दी’ होगी।
अनुच्छेद 347
यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है।
अनुच्छेद 351
यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने।
अनुच्छेद 352
राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा, यदि वह समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है।
अनुच्छेद 356
यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में संवैधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
अनुच्छेद 360
यदि राष्ट्रपति यह समझता है कि भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है।
अनुच्छेद 365
यदि कोई राज्य केन्द्र द्वारा भेजे गये किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि-सम्मत होगा कि उस राज्य में संविधानतंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
अनुच्छेद 368
संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है।
अनुच्छेद 370
इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है।
अनुच्छेद 371
कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है, जैसे—महाराष्ट्र, गुजरात, नगालैंड, मणिपुर इत्यादि।
अनुच्छेद 394
की राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिन्दी भाषा में अनुवाद करायेगा।
अनुच्छेद 395
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहाँ रदद किया जाता है।
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यहाँ हमने पढ़ा भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद | Important Articles of the Indian Constitution in Hindi pdf, अगर इससे कोई भी doubt हो तो आप हमे बेझिझक पूछ सकते है
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