NCERT Class 10th Biology Chapter 3 जीव जनन कैसे करते है objective solution Notes

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Bihar Board class 10 Biology chapter 3 जीव जनन कैसे करते है objective solution Notes pdf

10th Class Science Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है objective solution

प्रश्न 1. जनन क्या है?

उत्तर– जनन वह जैव प्रक्रम है जिसके द्वारा कोई जीव अपने ही जैसी उर्वर संतानों की उत्पति करता है। इस प्रकार अपनी संख्या में वृद्धि शहर अपनी जाति के अस्तित्व को बनाए रखता है। एवं उन्हें विलुप्त होने से बचाता है।


प्रश्न 2. जनन से क्या लाभ है?

उत्तर– जन्म से महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित है:-

1.  जातियों का अनुरक्षण:–  जनन के द्वारा जीवों की एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी के लिए तैयार करता है।

2.  आबादी में वृद्धि:–  जनन के द्वारा ही आबादी में वृद्धि होती है।

3.  जीवो के लाभकारी गुणों की वंशागति :-  जन्म के द्वारा ही जीवो के लाभकारी गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में  स्थानांतरित होते रहते हैं।


3.  जीवो के सर्व प्रमुख लक्षण क्या है?

उत्तर– जनन


4. नर युग्मक का नाम क्या है?

 उत्तर– शुक्राणु


5. मादा युग्मक का नाम क्या है?

उत्तर– अंडाणु


6. अंडाणु एवं शुक्राणु के संगलन को क्या कहते हैं?

उत्तर– निषेचन


7. नर युग्मक  शुक्राणु एवं मादा युग्मक अंडाणु के निषेचन से क्या बनता है?

उत्तर:- युग्मक या जाईगोट


8. नर युग्मक शुक्राणु एवं मादा युग्मक अंडाणु में क्या अंतर है?

 उत्तर– नर युग्मक शुक्राणु सचल होता है, जबकि मादा युग्मक अंडाणु अचल होता है। इसके अतिरिक्त शुक्राणु का आकार अंडाणु के तुलना में काफी कम होता है।


9. जनन कितने प्रकार के होते है?

उत्तर– जनन दो प्रकार के होते है:-

  1. लैंगिक जनन
  2. अलैंगिक जनन

(i) लैंगिक जनन:-  जनन कि वह प्रक्रिया जिसमे नर युग्मक शुक्राणु तथा मादा  युग्मक अंडाणु भाग लेते है। इससे लैंगिक जनन कहते है।

(ii) अलैंगिक जनन:- जनन की  वह प्रक्रिया जिसमें नर युग्मक शुक्राणु एवं मादा युग्मक अंडाणु भाग नहीं लेते हैं। इसे अलैंगिक जनन कहते हैं।


10. एक लिंगी जीव किसे कहते हैं?

 उत्तर– वैसे जिओ जिनमें या तो नर लिंग मौजूद होता है अथवा मदालिंग मौजूद होता है। इन जीवो को एक लिंगी जीव कहते हैं। जैसे- मनुष्य, घोड़ा, कुत्ता इत्यादि।


11. द्विलिंगी जीव किसे कहते हैं?

 उत्तर– द्विलिंगी जीव वे जीव हैं जिनमें नर लिंग एवं मादा लिंग दोनों पाया जाता है। परंतु किसी समय विशेष में कोई एक ही सक्रिय रहता है। जैसे- हाइड्रा, केंचुआ, चपटी क्रीमी, अधिकांश पादप इत्यादि।


 12. अलैंगिक जनन की विधियों का वर्णन करें?

 उत्तर– अलैंगिक जनन की निम्नलिखित विधियां है:-

(i) विखंडन:-  अलैंगिक जनन की इस विधि में द्विखंडन एवं बहुखंडन क्रियाएँ संपन्न होती है। एक कोशिकीय जीव अमीबा, पैरामीशियम, क्लैमीडोमोनास इत्यादि में द्विखंडन होता है। जबकि मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम आदि में बहूखंडन क्रिया होता है।

 अमीबा एक परिपक्व अवस्था में आ जाता है। तब उसके कोशिका का विभाजन हो जाता है। एवं दो नए जीवों की उत्पत्ति होती है। दूसरी तरफ वह बहुखंडन प्रक्रिया में जब पुटी का निर्माण होता है तब उसके अंदर केंद्रक बार-बार विभाजित होता है तब केंद्रक विकसित होकर अनेक संतति कोशिका बनाते हैं।

(ii)  खण्डन:-  जनन की इस प्रक्रिया में कोई जीव विकसित होता है अनेक टुकड़ों में विभाजित हो जाता है। तथा प्रत्येक टुकड़ा वृद्धि करके नए जीवन में परिवर्तित हो जाता है। जनन की यह प्रक्रिया स्पाइरोगाइरा इत्यादि में होता है।

(iii) पुनरुदभवन:- अलैंगिक जनन की इस प्रक्रिया में किसी जीव को अगर काट दिए जाए तो प्रत्येक टुकड़ा वृद्धि करके नये जीव संतति की उत्पति करता है। अलैंगिक जनन की यह प्रक्रिया हाइड्रा एवं प्लेनेरियां में होती है।

(iv) मुकुलन:-  अलैंगिक जनन की प्रक्रिया जीव शरीर के किसी भाग पर मुकुल या उभार उत्पन्न होता है जो धीरे धीरे विकसित होकर नया जीव में परिवर्तित हो जाता है। जो बाद में जनन जीव से अलग होकर स्वतंत्र जीवन यापन करता है। जैसे- हाइड्रा

 (v) कायिक प्रवर्धन:-  अलैंगिक जनन की इस प्रक्रिया में जलन में कुछ पौधों के जड़, तना तथा पति या उपयुक्त परिस्थितियों में विकसित होकर नया पौधा उत्पन्न करते हैं। जैसे- गन्ना, गुलाब, संतरा, चमेली इत्यादि


13. उत्तक संवर्द्धन क्या है?

 उत्तर– उत्तक संवर्द्धन एक वह तकनीक है जिसमें पौधों के उत्तर अथवा उसकी कोशिकाओं को पौधों के शीर्ष के वर्धमान भाग में पृथक कर के नए पौधे उगाए जाते हैं।


14. कैलस क्या है?

 उत्तर– उत्तक संवर्द्धन प्रक्रिया में कोशिकाओं को और कृत्रिम पोषक माध्यम से रखा जाता है। तब कोशिकाएं विभाजित होकर अनेक छोटी कोशिकाओं का निर्माण करते हैं जिसे कैलस करते हैं।


15. उत्तक संवर्द्धन प्रक्रिया को समझावे।

 उत्तर– उत्तक संवर्द्धन तकनीक में पौधे के उत्तक अथवा कोशिकाओं को पौधों के शीर्ष भाग में पृथक करके नए पौधे उगाए जाते हैं। इस प्रक्रम में कोशिकाएं विभाजित होती है। इसे कैलस कहते है। कैलस को वृद्धि एवं विभेदन के हार्मोन युक्त एक अन्य माध्यम से रखी जाती है। पौधों को पुनः रोप दिया जाता है। उत्तक संवर्धन तकनीक द्वारा किसी एकल पौधों से अनेक संक्रमण मुक्त परिस्थितियों में उत्पन्न किए जा सकते हैं।


16. पुष्प के कौन-कौन से भाग होते हैं?

 उत्तर– पुष्प के भाग निम्नलिखित हैं:-  बाहय दल दल, पुकेशर, स्त्रीकेसर


17. पुष्प के नर  जननांग क्या है?

 उत्तर– पुकेशर या पुषांग


18. पुष्प के मादा जननांग का क्या नाम है?

 उत्तर– स्त्रीकेसर या व्यंग


19. पुष्प के नर युग्मक का क्या नाम है?

 उत्तर– परागकण


20. पुष्प के मादा युग्मक का क्या नाम है?

 उत्तर– अंडाणु


21. एक लिंगी पुष्प किसे कहते हैं?

 उत्तर– वैसे पुष्प में जिनमें पुकेशर या स्त्रीकेसर में से कोई एक ही पाया जाता है। उसे एक लिंगी पुष्प कहते हैं। जैसे- पपीता, तरबूजा इत्यादि।


22. द्वि लिंगी अभय लिंगी पुष्प किसे कहते हैं?

 उत्तर– जिस पुष्प में पुकेशर तथा स्त्रीकेसर दोनों मौजूद होता है उसे द्वि लिंगी या उभय लिंगी पुष्प कहते हैं। जैसे- सरसों, गुड़हल


23. परागकण क्या है?

 उत्तर– परागकण पुष्प का वास्तविक नर युग्मक होता है। यह पराया नीला होता है।


24. पुकेशर की रचना बतावे।

 उत्तर– पुकेशर  की तीन भाग निम्न है:-

(i) परागकोष:-  इसमें पराग कणों की उत्पत्ति होती है।

(ii)  तंतु:- इसके सिरे पर पराग कोष होते हैं।

(iii) योजी:- पराग कोष एवं तंतु के संयुक्त स्थान को योजी कहते हैं।


25. स्त्रीकेसर के प्रमुख अंगो के नाम एवं भागों का उल्लेख करें।

 उत्तर– स्त्रीकेसर के प्रमुख भाग निम्नलिखित हैं:-

(i) अंडाशय:- यह पुष्प के आधार पर फुला हुआ भाग होता है। इसमें बीजांड होते है। तथा प्रत्येक बीजांड में एक अंडकोशिका होती है यह मदा युग्मक है।

(ii) वर्तिका:- यह अंडाशय के उपर का भाग है।

(iii) वत्रिकग्र:- यह स्त्रीकेसर का शीर्ष भाग होते हैं। यह प्राय: चिपचिपा होता है।


26. परागण किसे कहते हैं?

उत्तर– पराग कणों के परागकोष से वर्तिकाग्र पर पहुंचने की क्रिया को परागण कहते हैं।


27.स्वपरागण किसे कहते हैं?

उत्तर-जब किसी एक पुष्प के पराग कोष से परागकण उसी पुष्प के वर्तिका ग्रह पर पहुंचते हैं अथवा एक पौधों के किसी एक पुष्प के पराग कोष से परागकण उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं तब इसे स्वपरागण कहते हैं।


28. पर परागण क्या है?

 उत्तर– जब किसी एक पौधों के पुष्प के पराग कोष उसे परागकण किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिका ग्रह पर पहुंचते हैं उसे परागण कहते हैं। यह क्रिया वायु जल अथवा प्राणी जैसे वाहक द्वारा संपन्न होता है।


29. पुष्प में निषेचन क्रिया कैसे होती है? समझावे।

 उत्तर– पुष्प के परागकण, स्वपरागण क्रिया द्वारा या परपरागण क्रिया के द्वारा जब वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं तब  परागकण वर्तिकाग्र से पोषक पदार्थों का अवशोषित करके वृद्धि करता है। धीरे-धीरे या लंबा होते जाता है। अंततः बीजांड में प्रवेश करता है। यहां निषेचन द्वारा क्रिया होती है। निषेचन के बाद युग्मानज में अनेक विभाजन होती है। बीजांड में भूण विकसित होता है। जो धीरे-धीरे कठोर आवरण से ढक जाता है, तथा बीज में परिवर्तित हो जाता है। इसके बाद अण्डाशय तीव्रता से वृद्धि करके फल बनता है। इस अन्तराल में पुष्प के सभी भाग प्रायः मुरझा के गिर जाते है।


30.अंकुरण क्या है?

उत्तर– पुष्प के बीजांड में निषेचन के बाद बना भूण  उपयुक्त परिस्थितियों में नवोदभिद में विकसित हो जाता है। इस प्रक्रम को अंकुरण कहता है।


31. बीजाणु महासंघ क्या है?

 उत्तर– अनेक सरल बहू कोशिक जीवो में विशिष्ट जनन संरचना होती है जिसके ऊपर ही तंतुओं पर पाई जाने वाली सुदम गुच्छ संरचनाएं जनन में भाग लेती है। इसमें पाए जाने वाले बीजाणु वृद्धि करके नए जीव की उत्पत्ति करते हैं।


32. किशोरावस्था के प्रारंभ में लड़के और लड़कियों में कौन-कौन भिन्न परिवर्तन होते हैं?

 उत्तर

(i)  लड़कियों के स्तन के आकार में वृद्धि होती है जबकि लड़कों में नहीं

(ii) लड़कियों के स्तनाग्र की त्वचा गहरा हो जाता है।

(iii)  लड़कियों में रजोधर्म शुरू हो जाता है।

(iv)  इसके विपरीत लड़कों में दाढ़ी मूछ निकलने लगते हैं तथा आवाज बदलने लगता है।

(v) लडको में स्त्री में शिशन भी अक्सर विवर्धन के कारण उधर्व हो जाता है।


33. यौनारम्भ क्या है?

उत्तर– किसी व्यक्ति के शरीर में युवावस्था के आकार हेतु वृद्धि होने लगता है। परंतु शरीर के संसाधन मुख्यतः इस विधि की प्राप्ति की ओर लगे रहते हैं। इस प्रक्रम के चलते जनन उत्तक की परिपक्वता मुख्यतः प्राथमिकता नहीं होती है। जैसे शरीर की सामान्य वृद्धि दर धीमी होनी शुरू होती है इसके साथ ही जनन उत्तक परिपक्व होने शुरू करते हैं। किशोरावस्था के इस अवधि को यौनारम्भ कहते हैं।


34. लैंगिक जनन प्रणाली का क्या अर्थ है?

 उत्तर– लैंगिक जनन प्रणाली का अर्थ है कि दो भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की जनन कोशिका का परस्पर सलंगनन।


35.मानव के नाम जनन तंत्र के नाम लिखें।

 उत्तर– वृषण, वृषण कोष, इसमें, प्रॉस्ट्रेट ग्रंथि, मूत्र मार्ग, शुक्राश्य  शुक्रवाहिनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका


36. मानव मादा जनन तंत्र के नाम लिखो।

 उत्तर– योनि, ग्रीवा, गर्भाशय, अंडवाहिनी


37. शुक्राणु का निर्माण कहां होता है

 उत्तर– वृषण में


38. शुक्राणु का स्थित होते हैं?

 उत्तर– वृषण कोष में


39. शुक्राणु उत्पादन के लिए ताप क्या स्थिति है?

 उत्तर– शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यकता शरीर के ताप से कम होता है।


40. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कहां होता है?

 उत्तर–  वृषण में


41. टेस्टोस्टेरोन का प्रमुख कार्यों को लिखें।

 उत्तर– टेस्टोस्टरॉन के प्रमुख कार्य निम्न है:-

(i) यह शुक्राणु उत्पादन का नियंत्रण रखता है।

(ii) यह लड़कों के योन आरंभ के लक्षणों का नियंत्रण करता रहता है।


42. शुक्राणुओं का मोचन किसके द्वारा होता है?

 उत्तर– शुक्रवाहिकाओं  के द्वारा


43. मूत्र मार्ग में किनका प्रवाह होता है?

 उत्तर– शुक्राणु एवं मूत्र का


44. प्रोस्ट्रेट तथा शुक्राश्य अपने स्राव कहां डालते हैं? तथा इनके क्या लाभ है?

 उत्तर– प्रोस्ट्रेट तथा शुक्राश्य अपने स्राव शुक्रवाहिका में डालते हैं।

 जिसके कारण है यह तरल माध्यम में आ जाते हैं। जिसके कारण इनका स्थानांतरण सरल से हो जाता है। इसी के कारण इन्हें पोषण मिलती है।


45. शुक्राणु कैसी रचना है?

 उत्तर- शुक्राणु सूक्ष्म संरचना है। इसमें मुख्यता अनुवांशिक पदार्थ होते हैं। तथा एक लंबी पूँछ होती है। जो उन्हें मादा जनन कोशिका की ओर तैरने में सहायता करती है।


46. अंडकोशिका का निर्माण कहां होता है?

 उत्तर– अंडाशय में


47. लड़की में अपरिपक्व अण्ड कब बनते हैं?

 उत्तर– लड़की में जन्म के समय हजार अण्ड परिपक्व बनते हैं।


48. लड़की में परिपक्व अण्ड परिपक्व कब होते हैं?

 उत्तर–  यौनारम्भ से ही लड़की में अपरिपक्व अण्ड परिपक्व होने लगता है।


49. प्रत्येक माह में कितने अण्ड परिपक्व होते हैं?

 उत्तर– सिर्फ एक


50. अण्ड गर्भाशय में किसके द्वारा पहुंचता है?

 उत्तर– अंडवाहीका( फैलोपियन ट्यूब द्वारा)


51. गर्भाश्य क्या है?

 उत्तर– दो अंड वहिएं संयुक्त होकर एक लचीली थैलेनुमा संरचना का निर्माण करती है। इसे गर्भाशय कहते हैं।


52. गर्भाशय ग्रीवा द्वारा कहां खुलता है?

 उत्तर- योनीमें


53. भूण को पोषण कहां से मिलता है?

 उत्तर– मां के रुधिर से


54. प्लेसेंटा क्या है तथा इसके क्या कार्य हैं?

 उत्तर– भूण को मां के रुधिर से पोषण मिलता है। इसके लिए एक विशेष संरचना होती है। इसका नाम प्लेसेंटा है।

 यह एक  तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भिती में धसी होती है। यह माँ के भूण से ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों को स्थानांतरण हेतु एक वृहद क्षेत्र प्रदान करता है।


55.भूण के उत्सर्जी पदार्थों का क्या होता है?

 उत्तर– विकासशील भूण द्वारा उत्सर्जन पदार्थ उत्पन्न होते हैं। इन पदार्थों का निपटान ये प्लेसेंटा के माध्यम से मां के रुधिर को स्थानांतरण द्वारा होता है।


56.  गर्भ के विकास होने में कितना समय लगता है?

 उत्तर– 9 माह


57. गर्भाशय के शिशु का जन्म का कारण क्या है?

उत्तर– गर्भाशय के पेशियों के लयवद संकुचन से शिशु का जन्म होता है।


58. निषेचन नहीं होने पर अण्ड कोशिका कितने दिनों तक जीवित रहती है?

 उत्तर– 1 दिन तक


59. ऋतु स्राव या रजोधर्म क्या है?

 उत्तर– मादा में अंडाणु के निषेचन के लिए गर्भाशय की तैयारी जरूरी है। इसके लिए गर्भाशय की आंतरिक भी थी तथा उस में स्थित रुधिर वाहिकाएं फट जाती है। इसका परिणाम स्वरूप फटी हुई भीती के टुकड़े रुधिर के साथ मिलकर योनीमार्ग से शरीर के बाहर निष्कासित हो जाते हैं। इसे ऋतु स्राव कहते हैं।


60. रजोधर्म की अवधि क्या है?

 उत्तर–  2 से 8 दिन


61. कुल लैंगिक  संचरणीय रोगों के नाम बताइए।

 उत्तर– HIV, AIDS, मस्सा, सिफलिस, गोनेरिया इत्यादि।


62.जीवाणु जनित लैंगिक संचरणीय रोग कौन-कौन है?

 उत्तर– HIV, AIDS, मज्जा


63. गर्भाधान रोकने में कंडोम एक अच्छी युक्ति है कैसे?

 उत्तर- कंडोम का प्रयोग नरो द्वारा किया जाता है। यह शिशन ढूंढ लेता है। जिससे शुक्राणु गर्भाशय में नहीं पहुंच पाता है। इससे संगलन नहीं हो पता है। इस प्रकार कंडोम गर्भाधान रोकने में एक अच्छे युक्ति है।


64. हार्मोन संतुलन के परिवर्तन से गर्भाधान कैसे रोका जा सकता है?

 उत्तर– शरीर में हार्मोन परिवर्तन करने से अण्ड का मोचन नहीं हो पाता है। इसके कारण निषेचन नहीं हो पाता है। इस प्रकार हार्मोन संतुलन के परिवर्तन से गर्भाधान रोका जा सकता है।


65. गर्भाधान रोकने से कॉपर-टी एक अच्छी युक्ति है कैसे?

 उत्तर– गर्भधान रुकने से कॉपर-टी या लुप एक अच्छी युक्ति है। इस युक्ति में स्त्री के गर्भाशय में कॉपर-टी को स्थापित कर दिया जाता है जिससे निषेचन नहीं हो पाता है।


66. शल्य क्रिया द्वार गर्भाधान कैसे रोका जा सकता है?

 उत्तर– शल्य क्रिया द्वारा पुरुष की शुक्र वाहिकाओं के अवरोध कर दिया जाता है। इससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है। इससे विपरीत यदि स्त्री को अंडावाहिनी या फैलोपियन ट्यूब को अलग कर दिया जाए तो अंड गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता इस प्रकार गर्भाधान रोका जा सकता है।


67. चमनात्मक गर्भपात अथवा भ्रूण हत्या क्या है?

 उत्तर– चमनात्मक गर्भपात अथवा भूण हत्या वह प्रणाली है जिसे कोई व्यक्ति मनचाहा संतान पाता है। अनचाहे लिंग को वह भूण में ही नष्ट करवा देता है।


आज हमने इस पोस्ट में जाना NCERT Class 10th Biology Chapter 3 जीव जनन कैसे करते है objective solution Notes के बारे में,

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