आज हम इस पोस्ट में पढने वाले है NCERT Class 12 History Chapter 5 Subjective & Objective Solution Notes के बारे में , आप कक्षा 12 की सभी विषयों के हल को निचे दिए गये लिंक पर क्लिक के के जान सकते है। Class 12 History Chapter 5
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Bihar Board Class 12 History Chapter 5 Subjective Solution Notes
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NCERT(दीर्ग उत्तरीय) Class 12 History Chapter 5; LongQuestion Answer
प्रश्न 1. अशोक महान की जीवनी तथा उपलब्धियों का वर्णन करें?
उत्तर – अशोक महान मौर्य वंश के सबसे शक्तिशाली राजा हुए। अशोक 267 BC में मगध की गद्दी पर बैठे जो 232 BC तक राजा बना रहा। अशोक के पिता बिंदुसार तथा माता का नाम सुभद्रांगी था। अशोक ने 261 BC में कलिंग की लड़ाई लड़ी जिसमें हजारों लोग मारे गए। इस हिंसा के बाद अशोक बौद्ध धर्म को अपना लिया तथा हिंसा न करने की कसमें खाई।
अशोक की उपलब्धियां:-
बिंदुसार की मृत्यु के बाद अशोक मगध साम्राज्य का राजा बना तथा राज्य विस्तार पर ध्यान दिया। अशोक कई लड़ाई को लड़ा। लेकिन बाद में हिंसा को छोड़कर जनकल्याण का काम करने लगा।
जैसे:- सड़क के किनारे भूमि खुद व छायादार तथा फलदार वृक्ष लगवाएं मनुष्य के इलाज के लिए अस्पताल खुलवाए सचमुच अशोक एक महान राजा थे।
प्रश्न 2. गुप्त काल को स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?
उत्तर – गुप्त काल को स्वर्ण काल कहा जाता है क्योंकि गुप्त काल के राजाओं ने अपने राज्य के विकास के लिए जो काम की है उससे पहले कोई राजा ऐसा विकास का काम नहीं किया था। इस काल में सबसे ज्यादा सोने के सिक्के बने थे। गुप्त काल के राजाओं की स्थिति अच्छी मानी जाती थी। राजा का अस्थान राज्य में सबसे ऊंचा होता था। जिसमें राजा को सहायता देने के लिए एक विशेष समूह होता था। राजा जनता के रक्षा के लिए एक विशाल सभा का भी गठन किया था।
गुप्त काल में संस्कृति विकास भी हुआ था। इस काल में सभी धर्मों का सामान ढंग से विकास हुआ था। साहित्य एवं स्थापत्य कला का भी विकास हुआ। कई तरह के मंदिर भी बने, इन्हीं सब कारणों से गुप्त काल को स्वर्ण काल कहा जाता था।
प्रश्न 3. अलबरूनी की जीवनी तथा उसके समय के वर्ण व्यवस्था जाति व्यवस्था तथा आश्रम व्यवस्था पर विचार कीजिए?
उत्तर – अलबरूनी का नाम अबू रेहान मोहम्मद इवन अहमद था। इनका जन्म ईरान में 973 ई० में हुआ था। 1017 ई० में मोहम्मद गजनी ने खव्यारिजम पर आक्रमण कर अपने अधिकार में ले लिया और वहां से बहुत विद्वानों को अपने साथ ले गया, उसमें से एक विद्वान अलबरूनी भी था। वे कई भाषाओं में कई किताबें भी लिखी। उन्होंने अरबी भाषा में किताब उल हिंद की रचना की। इस तरह 70 वर्ष की अवस्था में अलबरूनी की मृत्यु हो गई।
वर्णव्यवस्था : अलबरूनी के अनुसार उस समय समाज चार वर्गों में बांटा था।
1. शासक वर्ग
2. पुरोहित वर्ग
3. खगोल शास्त्री
4. किसान वर्ग
जाति व्यवस्था : उस समय के समाज जाति के आधार पर 4 वर्गों में बांटा था।
1. ब्राह्मण (पूजा पाठ करने वाला)
2. क्षत्रीय (देश की रक्षा करने वाला)
3. वैश्य (बिजनेस व्यापार करने वाला)
4 छूद्र (नौकरी चाकरी करने वाला)
आश्रम व्यवस्था : अलबरूनी के अनुसार उस समय भारतीय समाज चार आश्रम में बांटा था।
1. ब्रह्ममचय आश्रम (8- 25 वर्ष)
2. गृहस्थ आश्रम (25-50 वर्ष)
3. बाणबरस्थ आश्रम (50-75 वर्ष)
4. सन्यास आश्रम (75— मरने तक)
प्रश्न 3. इब्नबातुता की जीवनी का तथा उसके समय के सती प्रथा, दास प्रथा, बाजार प्रणाली तथा डाक प्रणाली पर विचार व्याप्त कीजिए?
उत्तर : अलबरूनी के बाद भारत आने वाला दूसरा विख्यात विदेशी यात्री इवन बबूता था। इनका वास्तविक नाम अब्दुल्लाह मोहम्मद था। इन का परिवार शिक्षित एवं प्रतिष्ठित था। यह परिवार इस्लामिक कानून की जानकारी के लिए विख्यात था। इब्नबातुता को विदेश की यात्रा करने में मन लगता था इसलिए 22 वर्ष में घर को छोड़कर 1325 ई० में एक लंबे विदेश यात्रा पर निकल पड़े।
सती प्रथा :- इब्नबातुता का कहना था कि उस समय किसी के पति के मर जाने पर पत्नी मरे हुए पति को गोद लेकर जिंदा जल जाती थी।
दास प्रथा : इब्नबातुता का कहना था कि उस समय दासू की खरीद बिक्री होती थी, अच्छे घरानों में दास प्रथा बनाने का प्रचलन था।
बाजार व्यवस्था : उस समय नगर में बाजार हुए करते थे और बाजार में कई तरह के दुकान होते थे जहां दुकान में काफी बिक्री होती थी। दुकान में देशी और विदेशी सामान भी होते थे।
डाक प्रणाली : उस समय किसी एक जगह से दूसरे जगह समान भेजने के लिए डाक की व्यवस्था थी जहां लोग अपने सामानों को कुछ पैसे की मूल्य पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजते थे।
प्रश्न 4. फ्रांसीसी वर्णिनियर की जीवनी का एवं उसके उपलब्धियों का वर्णन करें?
उत्तर – यूरोप के यात्रियों ने 16वीं शताब्दी में भारत आना शुरू कर दिया था इन यात्रियों में सबसे प्रमुख फ्रांसीसी वर्णिनियर था। वह एक कुशल चिकित्स तथा साहित्यकार था। वर्णिनियर मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में भारत आया था। वह मुगल दरबार का एक डॉक्टर था अपनी बुद्धि के बल पर वह मुगल काल में अपना नाम कमा लिया।
वर्णिनियर ने अपने पुस्तक में लिखा था कि उस समय मुगल साम्राज्य राजनीतिक उथल-पुथल में भरा हुआ था। शाहजहां के 4 पुत्र थे दारा, सुजा, मुराद और औरंगजेब उनके चारों पुत्रों में औरंगजेब काफी शक्तिशाली था इसलिए औरंगजेब अपने तीन भाइयों की हत्या कर गद्दी पर बैठा।
प्रश्न 5. कुतुबुद्दीन ऐबक की उपलब्धियों का वर्णन करें?
उत्तर : दिल्ली सल्तनत के तहत मुगल वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक माना जाता है कि युवक पहला एक राजा था जिसने मुसलमानों के लिए एक पृथक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना की। एक पृथक स्वतंत्र की घोषणा की इसने मुसलमानों के लिए ढेर सारा काम किए। कुतुबुद्दीन ऐबक को एक व्यापारी ने दास के रूप में खरीदा था और व्यापारी ने भी एवं को एक का जी के हाथों बेच दिया फिर काजी ने ऐबक की विलक्षण प्रतिभा को देखकर उसको धार्मिक शिक्षा देना शुरू कर दिया फिर काजी ने भी ऐबक को मोहम्मद गोरी के हाथों बेच दिया।
कुछ ही दिनों में अब आप गोरी का दिल जीत लिया और सेनापति बन गया। मोहम्मद गोरी के मरने के बाद दिल्ली सल्तनत का राजा ऐबक ही बना।
आज हमने पढ़ा NCERT Class 12 History Chapter 5 Subjective & Objective Solution Notes के बारे में आशा करता हूँ की आपको ये पसंद आया होगा
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