इस पोस्ट में हम जानेगे NCERT Class 10th History Chapter 8 प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद Subjective Solution Notes के बारे में,
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद (इतिहास) Subjective Notes
लघु उत्तरीय प्रश्न (60 शब्दों में उत्तर दें):-
प्रश्न 1. गुटेनवर्ग ने मुद्रणयंत्र का विकास कैसे किया ?
उत्तर– . गुटेनवर्ग ने टुकडो में विखरी मुद्रण कला को संगठित कर योजना बद्व रूप से पंच, मेट्रिक्स, मोल्ड आदि बनाया . मुद्रण बनाने के लिए शीशा, टिन और बिस्थम से बनी मिश्रधातु का प्रयोग किया. शीशे का चयन सस्ता तथा स्थायी के स्थानान्तरण क्षमता के कारण किया तथा रांगा और टिन का उपयोग उसकी कठोरता एवं गलाने के गुणों में किया . इसके बाद हैण्डप्रेस में मैटर बेड पर कम्पोज किया हुआ टाइप कस दिया एवं उस पर स्याही लगाकर तथा कागज रखकर प्लेट द्वारा दबाकर मुद्रित किया.
प्रश्न 2. छापाखाना यूरोप में कैसे पहुँचा?
उत्तर– लकड़ी के ब्लॉक द्वारा होने वाली मुद्रण कला समरकंद, पर्सिया – सीरिया मार्ग से व्यपारियो द्वारा सर्व प्रथम रोम पहुँचा . रोमन मिशनरी एवं मार्कोपोलो द्वारा ब्लॉक प्रिंटिंग के नमूने यूरोप पहुंचें . कागज बनाने की कला पूरब से यूरोप पहुँची . सस्ती और सुस्पष्ट मुद्रण तकनीक गुटेनबर्ग ने विकसित किया . 1475 ई. में सर विलियम कैप्सटन मुद्रण कला को इंग्लैंड पहुँचाया . इस प्रकार छापाखाना किश्तों में यूरोप पहुँचा जहाँ बाद में आधुनिक रूप लिया.
प्रश्न 3. इन्कवीजीशान से आप क्या समझते है . इसकी जरुरत क्यों पड़ी ?
उत्तर-यूरोप में छापाखाना ने धर्म के क्षेत्र मे क्रांति ला दिया. पुस्तको से यूरोप में बौद्धिक माहौल खड़ा हुआ जिससे लोगों ने धर्म की अलग-अलग व्याख्या शुरू की जो कैथलिक के मूल सिद्धान्तो के विपरीत था . इसी धर्म विरोधी विचार को दबाने के लिए जो प्रतिबंध लगाया गया उसे इन्कविजिशन कहते है . इसकी जरुरत इसलिए पड़ी क्योकिं कैथोलिक चर्च धर्म के मूल सिद्धान्तो में कोई छेद-छाड़ नहीं चाहते थे.
प्रश्न 4. पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर– हाथ द्वारा तस्वीर युक्त सुलेखन कला से परिपूर्ण साहित्य को पाण्डुलिपि कहते है . जब छापाखाना नहीं था तब पाण्डुलिपि साहित्य रचना की एक साधन थी जो आज हमे इतिहास की जानकारी में सहायता करती है.
Read –All 10th class Subject List
प्रश्न 5. लार्ड लिटन ने राष्ट्रिय आन्दोलन को गतिमान बनाया कैसे.
उत्तर- अंग्रेजी समाचार पत्रों को छोडकर अन्य से भारतीय सरकार की कुनितिया से अवगत हो जाते थे जिससे जन असंतोष फैलता था . इसी कारण 1878 में लिटन ने देशी भाषा के समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाया जो आन्दोलन की आज में घी का काम किया और आंदोलन गतिमान हो गया.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (150 शब्दों में उत्तर दे):-
प्रश्न 1. मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर– छापेखाने की संख्या में वृद्धि ने पुस्तकों की संख्या बढायी जो समाज के सभी वर्ग में पहुँचकर लोकचेतना और दृष्टि में बदलाव का कारण बना. एक नई संस्कृति विकसित हुई . पुस्तक पढ़ने की बेचैनी ने निरक्षरों में साक्षर बनने की ललक पैदा कर दी. ज्ञान अर्जन और तार्किक क्षमता का विकास शनै: शनै: शुरू हो गया . कुछ लोगो को यह भय अवश्य था की कही लोगों में पुस्तकें पढकर बागी और अधार्मिक विचार पनपने लगेंगे .
कुछ लोगो की आशंका सही भी निकली . मार्टिन लूथर द्वारा रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों का पर्दाफाश किया तब यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन प्रारंभ हो गये. इसे दबाने के लिए चर्च द्वारा प्रतिबंध लगाया गया. जिसे इन्कविजिशन खा जाता है . पुस्तके सस्ती और सुलभ होने से गरीब तबके में भी पढने की ललसा जगी. परिणाम भी आशा के अनुकूल रहा. साक्षरता 60% से 80%पहुँच गई. ज्ञान, विज्ञान और दर्शन की जानकारी होने से बौद्धिक क्रांति शुरू हो गयी .
इस प्रकार हम देखते है की मुद्रण क्रांति ने यूरोप और विश्व में नई संस्कृति पैदा के दिया. इसने शोषण के विरुद्ध क्रांति का माहौल खड़ा करके अपनी उपयोगिता पर मुहर लगा दिया. सचमुच इसने आम जनता को वास्तविकता से नहलाकर उनमे नई सोंच भर दी जिससे आज दुनिया आधुनिकता में सांसे ले रही है.
प्रश्न 2. 19वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें.
उत्तर– भारत में प्रेस आगमन से पहले प्रचालित पाण्डुलिपि जन-जन तक अपनी पहुँच नहीं बना पाई थी . पुर्तगालियों ने सर्वप्रथम प्रिंटिंग प्रेस भारत लाकर एक प्रकार से प्रेस क्रांति की शुरुआत कर दी. इसकी उपयोगिता ने ही भारत में इसे फ़ैलाने का मौका दिया .
आधुनिक भारत प्रेस का आरंभ 1766 में विलियम बोल्ट्स द्वारा एक समाचार पत्र के प्रकाशन से हुआ. इसके बाद तो समाचार पत्रों के प्रकाशन की जैसे होड़ लग गई . प्रेस और सरकार के बीच आँख मिचौली का खेल भी जारी रहा . इसी उठा पटक में प्रेस का विकास भी होता रहा . आँखों में खटकती प्रेस पर सरकार का अंकुश भी जारी रहा. परन्तु प्रेस का विकास करने वाले जैसे कमर क्स चुके थे.
बंगाल गजट,इंडिया गजट, कलकाता कैरियर, बम्बई गजट, एशियाटिक मिरर, मद्रास कैरियर आदि समाचार पत्र प्रकाशित होने लगे . वस्तुतः ये क्षेत्र विशेष के कम्पनी के आधिकारियो और व्यपारियो तक ही सिमित थे. परन्तु बर्किधम ने पत्रकारिता को एक नई दिशा प्रदान की जिसने प्रेस को आलोचनात्मक दृष्टि अपनाने , जाँच-पड़ताल कर समाचार देने की ओर प्रवृति किया.
राष्ट्रीय प्रवृति के समाचार पत्रों का प्रकाशन भी ‘संवाद कौमुदी’ और ‘मिरातुल’ के रूप में हुआ . इसके बाद प्रेस का विकास और भी बढ़ता ही रहा . राजाराम मोहन राय , द्वारकानाथ टैगोर, प्रसन्न कुमार टैगोर का योगदान भी अविस्मरणीय है.
प्रश्न 3. भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें.
उत्तर– प्रारंभ में लोगों में जागरूकता का अभाव, निरक्षरता आदि के कारण प्रेस आम जनता तक नहीं पहुँच पाई थी. परन्तु जब समाचार पत्रों द्वारा न्यायिक निर्णयों में पक्षपात, धार्मिक हस्तक्षेप, और प्रजातीय भेदभाव की आलोचना शुरू किया गया तो जनमत जाग उठी.
भारत में प्रेस दो प्रकार के थे – विदेशी प्रकृति वाला एंग्लोइंडिया प्रेस और अंग्रेगी तथा अन्य भारतीय भाषाओ में प्रकाशित होने वाले भारतीय प्रेस. एंग्लोइंडिया प्रेस ‘फुटडालो और शासन करो‘का पक्षधर था. यह एक प्रकार से सरकार के प्रति समर्पित था . जिसके कारण इसे विशेषाधिकार भी प्राप्त था जहाँ तक भारतीय प्रेस का सवाल था तो यह हमेशा शासको की निगाहों में खटकता था . इसलिए इसे फूंक-फूंक कर चलने की आदत हो गई थी .
धीरे-धीरे यह राममोहन राय, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, बालगंगाधर तिलक, महात्मागांधी, नेहरु आदि के सनिम्हय में शक्तिशाली और प्रभावशाली बनकर सरकार की आलोचना भी किया . बाद में यह प्रेस राष्ट्रिय भावनाओ को जगाने के साथ-साथ राष्ट्रिय आंदोलनों को गति भी प्रदान किया . अब प्रेस की महता सरकार और जनता दोनों को समझ में आ गई थी. निष्कर्षतःकहा जा सकता है की भारतीय प्रेस ने आम जनता को जागरूक बनाकर राष्ट्रिय भावनाओ से ओत-पोत कर दिया.
प्रश्न 4. राष्ट्रिय आन्दोलन को भारतीय प्रेस ने कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर– राष्ट्रिय नेताओं के लिए प्रेस एक वह हथियार बना जिस के माध्यम से उन्होंने अंग्रेजी राज की शोषणकारी नीतियों का तो पर्दाफाश किया ही साथ ही साथ जन-जागरण भी फैलाया. प्रेस ने जनता को राजनितिक समस्याओ में भी भाग लेने के लिए प्रेरित किया . कहीं की भी घटना समाचार-पत्र के माध्यम से जन-जन तक पहुँचने लगी . जनता भी समाचार-पत्र में उत्सुकता दिखलाने लगी और अपनी प्रतिक्रियाएँ देने लगी .
धीरे-धीरे प्रेस ने जनता में अपनी इतनी गहरी पैठ बना ली की अब व्यापक जन असंतोष प्रेस के माध्यम से सरकार तक पहुँचने लगा . अनेक नेताओ ने प्रेस को हथियार की तरह इस्तेमाल किया . दक्षिण अफ्रीका में गाँधी के सत्याग्रह को भी भारतीय जनता ने प्रेस के माध्यम से ही जाना
इस प्रकार हम देखते है की प्रेस के कारण ही जनता प्रत्येक राष्ट्रिय और क्षेत्रीय घटनाओं से अवगत हुई. इससे स्वस्थ जनमत तैयार हुआ और राष्ट्रिय आंदोलनों को भारी जनसमर्थन प्राप्त हुआ जिससे स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ.
प्रश्न 5. मुद्रण यंत्र की विकास यात्रा को रेखांकित करें. यह आधुनिक स्वरूप कैसे पहुंचा?
उत्तर– चट्टानों और गुफाओं पर चित्रांकन से लेकर आज तक की मुद्रण विकास की यात्रा सचमुच दिलचस्प और अठिने भरी रही . 105 ई. के टसलाईलून ने कपास एवं मलमल को कागज की तरह इस्तेमाल किया . चीन, जापान, और कोरिया में सर्वप्रथम मुद्रण की तकनीक बनी . धीरे-धीरे ब्लॉक प्रिंटिंग द्वारा मुद्रा पत्र भी छापे गये . चीन एक प्रकार से प्रिंट संस्कृति का केंद्र बन गया. बाद में यांत्रिक छपाई भी शुरू हो गई . जब लकड़ी के ब्लॉक द्वारा प्रिंटिंग कला यूरोप पहुँची तो जैसे मुद्रण क्रांति हो गई .
सम्पूर्ण विश्व अब सस्ती मुद्रण सामग्री की मांग की ओर अग्रसर हुई जिसे गुटेनबर्ग ने पूरा कर के दिखा दी. इंग्लैंड, जर्मनी आदि यूरोपीय देशो में बढती मांग की आवश्यकता ने नये अविष्कारों को जन्म दिया . नये-नये मशीनों के अविष्कार ने अब मुद्रण कला को काफी सस्ता और लोकप्रिय बना दिया . इसी विकास के क्रम में आज दुनिया इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटिंग प्रेस प्रयोग कर रही है .
इसे भी पढ़े:-
पाठ – 1 | यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय, यूरोप में राष्ट्रवाद |
पाठ – 2 | समाजवाद एवं साम्यवाद |
पाठ – 3 | हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आन्दोलन |
पाठ – 4 | भारत में राष्ट्रवाद |
पाठ – 5 | अर्थ-व्यवस्था और आजीविका |
पाठ – 6 | शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
पाठ – 7 | व्यापार और भूमंडलीकरण |
पाठ – 8 | प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद |
Tag-
इतिहास की दुनिया भाग-2 प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद ,BSEB, history हिस्ट्री चैप्टर 8,Press Culture and Nationalism, bihar board class 10 lesson 8 question and answer, NCERT book Solution, 10th History book solution,
Bihar Board class 10 chapter seven solution, class 10 history book solution pdf, download pdf file of history, 10th प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद(इतिहास), ncert बुक इतिहास पाठ-8 क्योश्चन आंसर, बिहार बोर्ड कक्षा 10 इतिहास पाठ-8, प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद, Bihar Board class 10 history, biharboardsolution, NCERT book Solution, NCERT book Solution,
NCERT book Solution, 10th ka history Bihar Board Class 10 History Chapter 8 प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद Subjective Solution Notes download, Press Culture and Nationalism in hindi, Bihar Board class 10 History Notes
2 thoughts on “NCERT Class 10th History Chapter 8 प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद Subjective Solution Notes”