Bihar Board Class 10 History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय subjective solution Notes

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Bihar Board Class 10 Social Science Solution History यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय (इतिहास)

इतिहास – इति+हास

  • इति– ऐसा आवश्य ही (मतलब यह जरुरी है.
  • हास– घटना हुआ होगा
  • अतीत का अध्यन करना ही इतिहास कहलाता है.
  • इतिहास क्या है ? – तथ्यों और प्रमाणों के अधार पर इतिहासकारों के द्वारा बीती हुई घटना का फिर से उजागर करना ही इतिहास कहलाता है.
  • इतिहास के पिता कौन है – इतिहास का पिता हेरोडोट्स को कहा जाता है . जो यूनान के निवासी थे . इन्होने सम्पूर्ण विश्व के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान किया ,जबकि जम्मू-कश्मीर में इतिहास के बारे में कलहन की प्रसिद रचना राज तरंगी से मिलती है .
  • Dr. S. Krishnan के अनुसार इतिहास की परिभाषा– इतिहास अतीत और वर्तमान के बिच निरंतर चलता रहने वाला विषय है .
  • अतीत– जो समय बीत चूका है .
  • वर्तमान – जो समय गुजर रहा है .
  • भविष्य – जो समय आने वाला है .

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प्रश्न 1. राष्ट्रवाद क्या है ?

उत्तर- राष्ट्रवास एक ऐसी समाजिक परिकल्पना है जिसमे किसी भी क्षेत्रो में अहम योगदान होती है, अर्थात – किसी भी देश का विकास करना ही राष्टवाद कहलाता है . राष्ट्रवाद का विकास 19वी शताब्दी में यूरोप में हुआ था .

– जो अपने देश के प्रति सोच और लगाव की भावना को विकास करता है उसे राष्ट्रवाद कहते है.

प्रश्न 2. मेटरनिख कौन था ?

उत्तर- मेटरनिख ऑस्ट्रिया का एक चांसलर था जो एक घोर प्रतिक्रियावादी राजा था. इसका कहना था की किसी राज्य में शासन तो करो जनता की भलाई न करो .

प्रश्न 3. मेटरनिख काल से आप क्या समझते है ?

उत्तर- 1815 ई. से लेकर 1848 ई. तक का समय मेटरनिख काल कहा जाता है यह एक ऑस्ट्रिया का चांसलर था . जो एक घोर प्रतिक्रियावादी राजा था . इसका मूल मंत्र था परिवर्तन में बाधा पहुँचाना .

प्रश्न 4. सामंतवाद क्या है ?

उत्तर- वैसे शासन प्रणाली जिसमे सामंतो या जमींदारो को किसानो से ज्यादा अधिकार दिया जाता है, जिसे सामंतवाद कहते है.

प्रश्न 5. जर्मनी और इटली के एकीकरण में क्या-क्या बाधाएँ थी ?

उत्तर- जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित बाधाएँ थी:-

  1. 300 छोटे-छोटे राज्य का विखंडन
  2. राष्ट्रीयता का अभाव
  3. मेटरनिख का घोर प्रतिक्रियावादी निति
  4. ऑस्ट्रिया का हस्तक्षेप की निति
  5. आर्थिक समाजिक एवं राजनितिक क्षेत्रो में अभाव

प्रश्न 6. मध्यम वर्ग से आप क्या समझते है?

उत्तर- समाज में रहनेवाले वैसे लोग जो अपना जीवन निर्वाह छोटे-छोटे व्यापर और नौकरियों के माध्यम से करते है उसे मध्यम वर्ग कहते है.

प्रश्न 7. सर्वहारा वर्ग से आप क्या समझते है ?

उत्तर- समाज में रहने वाले वैसे लोग जिसमे गरीब, किसान, मजदुर, शामिल होते है उसे सर्वहारा वर्ग कहते है. जिसके पास पूँजी का अभाव होता है तथा स्थिति दैनिक होती है.

प्रश्न 8. 1789ई. के फ़्रांस की क्रांति का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर- 1789 ई. के फ़्रांस की क्रांति का मुख्य कारण राजनितिक, आर्थिक, समाजिक, बौद्धिक कारण को माना जाता है . फ्रांस की क्रांति के समय निरंकुशवादी शासक लुई 16(सोलहवाँ) था . इसके काल में भ्रष्टाचार का बोलबाला था .

सभी प्रदेशो की आर्थिक स्थिति दैनिक थी . विशेषकर सर्वहार वर्ग की स्थिति खराब थी जबकि पादरी एवं कुलीन वर्ग की स्थिति अच्छी थी . इस क्रांति के मार्ग को वालटेयररूसो तथा मनेस्क्यु ने आगे बढ़ाया .

प्रश्न 9. वियना काँग्रेस का क्या लक्ष्य था?

उत्तर- 1789 से 1815 तक जो भी घटना घटा है उसे दुहराया न जाये और नेपोलियन के द्वारा जो भी विकास का आन्दोलन चलाया गया है, उसे दबा दिया जाये और यूरोप में जैसी स्थिति है उससे कोई परिवर्तन न होनी चाहिए.

प्रश्न 10. सम्राज्यवाद क्या है ?

उत्तर- जब कोई बड़ा देश किसी छोटे देश पर जबरदस्ती अपना अधिकार जमा लेता है है, जिसे सम्राज्यवाद कहते है . सम्राज्यवाद का शाब्दिक अर्थ शोषण करना होता है.

प्रश्न 11. 1848ई. के फ़्रांसिसी क्रांति के कारणों को लिखे ?

उत्तर- 1848 ई. के फ्रांसीसी क्रांति के निम्न कारण है:-

  • सम्राज्यवाद का प्रसार
  • मध्यम वर्ग के उपर शासन
  • राजनितिक डालो के संगठनो में अभाव
  • लुई फिलियो की असफलता को सबसे बड़ा कारण माना गया है , क्योकि इसने जनता से वडा किया था की अगर हमारी सता आएगी तो तमाम जनता को खुश करने के लिए गीजो को प्रधानमंत्री बनाया था . जो कठोर प्राकृति का व्यक्ति था . इसके कम में भुखमरी और बढ़ गई . इसका विरोध सुधारवादी नेता थेथर्स ने किया लेकिन पुलिस द्वारा गोलिया चलवा दी जिससे बहुत सारे नेता मारे गये .

प्रश्न 12. वियना सम्मेलन का आयोजन क्यों किया गया था ? इसकी क्या उपलब्धिया थी ?

उत्तर- वियना सम्मेलन का उदेश्य नेपोलियन के द्वारा यूरोप की राजनितिक में लाए गए परिवर्तनो को समाप्त करना और पुराणी व्यवस्था को लागु करना तथा फ्रांस की क्रांति के दौरान प्रजातंत्र और गणतंत्र का उदय का विरोध करना

इसकी उपलब्धिया :-

  1. नेपोलियन के द्वारा जीता गया क्षेत्र को वापस करने को कहा गया .
  2. इटली को 300 छोटे-छोटे राज्यों में खंडित करना
  3. रूस को पोलैंड का एक भाग मिला

अतः इस प्रकार से प्रतिक्रियावादी शक्ति का विजय हुआ.

प्रश्न 13. जुलाई 1830 ई. के क्रांति के कारण को लिखे ?

उत्तर- फ्रांस 1830 ई. में एक गृहयुद्ध की शुरुवात हुआ था जिसे 1830 ई. की क्रांति कहा जाता है

मेटरनिख का कथन था की फ्रांस जब छिकता है तो, पूरा यूरोप संक्रमित हो जाता है . इस क्रांति में चाल्स दशम एक स्वेच्छारी निरंकुशवादी राजा था . जिसने फ़्रांस में पनप रही राष्ट्रीयता की भावना को दवाने का कार्य किया . इसके द्वारा प्रतिक्रियावादी पोलिगेनिक को प्रधानमंत्री बनाया गया जिसका विरोध उदारवादी लोगो ने किया था.

प्रश्न 14. 1830 ई. के क्रांति के प्रभाव को लिखे l

उत्तर- 1830 ई के क्रांति के प्रभाव निम्न है :-

  1. वियना काँग्रेस के लक्ष्य को असफल कर दिया गया.
  2. पुरे यूरोप में समाजिक, आर्थिक, राजनितिक क्षेत्रो में विकास
  3. देश भक्ति की भावना को बढ़ाया जाए
  4. जर्मनी, इटली, हंगरी, पोलैंड, यूनान की व्यवस्था को देखते हुए विकास का आन्दोलन किया जाए.

प्रश्न 15. इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की क्या भूमिका थी ?

उत्तर- इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया सबसे बड़ी बाधा थी . चुकी एकीकरण के पीछे राष्ट्रवाद का हाथ था. ऑस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिख को कहा जाता है .

जिसका कहना था की किसी भी देश में शासन तो करो लेकिन जनता के भलाई न करो . यह एक निरंकुशवादी राजा था . जैसे ही मेटरनिख का पतन हो जाता है वैसे ही इटली और जर्मनी का विकास हो जाता है.

प्रश्न 16. इटली और जर्मनी के एकीकरण में नेपोलियन का क्या योगदान रहा था ?

उत्तर- इटली और जर्मनी के एकीकरण में नेपोलियन का अहम योगदान रहा था . इन्होने इटली और जर्मनी को भौगोलिक परिधियो से बाहर कर कर वास्तविक सता दिलाने का कार्य किया . फ्रांस की क्रांति ने राष्ट्रीयता की सिदांत को जन्म दिया और 300 छोटे-छोटे राज्यों को केवल 39 राज्यों में परिवर्तित कर दिया तथा 1806 ई. में जर्मन राइन संघ की स्थापना की.

प्रश्न 17. मेजनी कौन था ?

उत्तर-मेजनी का जन्म 1805 ई. जेनेवा में हुआ मेजनी को इटली के एकीकरण का मशीहा कहा जाता है . यह एक कर्मठ कार्यकर्त्ता लेखक तथा दार्शनिक थे . इन्होने 1830 ई. में नागरिक आन्दोलन चलाया था . जिसका समर्थन तमाम जनता ने की 1831 ई. में यंग इटली की स्थापना कत्था 1834 ई. में यंग यूरोप की स्थापना की.

प्रश्न 18. काऊट काबुर कौन था ?

उत्तर- यह एक सफल कुटनीतिक एवं राष्ट्रवादी व्यक्ति था जो निरंकुशवाद का पक्का विरोधी था. यह जानता था की इटली के व्कीकरण की सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रिया थी अतः ऑस्ट्रिया को हराने के लिए इसने फ़्रांस से दोस्ती कर ली जबकि फ़्रांस पहले ऑस्ट्रिया का पक्का मित्र था .

ये इटली और जर्मनी के क्षेत्रो में विकास करना चाहते थे . लेकिन इस प्रकार इटली की समस्या को इन्होने एक अंतराष्ट्रीय समस्या बना दिया .

प्रश्न 19. इटली के तीन विभूति कौन है?

उत्तर- मेजिनी के लिए आत्मा, काबूर के लिए बुद्धि , गैरिवाल्डी के लिए पूरा शारीर

प्रश्न 20. रक्त और लौह की निति से आप क्या समझते है ? (VVI)

उत्तर- रक्त और लौह की निति का प्रतिपादन बिस्मार्क ने किया था . यह प्रशा का चांसलर 1862 ई. में बना था इसका कहना था की भाषण से कुछ नहीं होगा बल्कि जर्मनी और इटली के एकीकरण के लिए विशाल सेना का संगठन करना होगा .

प्रश्न 21. बिस्मार्क कौन था ?

उत्तर- यह एक सफल कूटनीतिज्ञ था . यह राजतंत्र, प्रजातंत्र, निरंकुश, कट्टरवादी तथा उदारवादी आदि का समर्थक था इसने जर्मनी के एकीकरण के लिए विशाल सेना का संगठन किया.

प्रशा का शासक विलयम प्रथम यह जानता था की जब तक की फ़्रांस और ऑस्ट्रिया को पूरी तरह पराजित नहीं कर दिया जाता है , तबतक जर्मनी का एकीकरण नहीं होगा . और यह काम विस्मार्क ही कर सकता है .

(VVI) प्रश्न 22. जर्मनी के एकीकरण में विस्मार्क का क्या क्या योगदान रहा है ?

उत्तर- जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क का अहम् योगदान रहा . जब से यह प्रशा का चांसलर बना तब से इसका मुख्य उपदेश्य जर्मन sang से ऑस्ट्रिया की सत्ता को मिटा देना. इसके लिए चाहे मुख्य आंतरिक या बाहय युद्ध क्यों न लड़ना पड़े . इसने रक्त एवं लौह की निति अपनाया था . इसका कथन था – भाषण की निति से कुछ नहीं होगा .

जर्मनी के एकीकरण के लिए विशाल सेना का संगठन किया . जिसमे सेना में उत्तम भोजन, उत्तम सुविधा तथा सही समय पर वेतन दिया . इसने जर्मनी के एकीकरण करने के लिए रूस , फ़्रांस एवं ऑस्ट्रिया से मित्रता कर ली . और इस प्रकार से यह तिन युद्ध करता है .

  1. डेनमार्क से युद्ध (1864):- यह युद्ध राज्य क्षेत्र को लेकर हुआ था, जिसमे बिस्मार्क ने ऑस्ट्रिया के साथ मिलकर किया था . इसमें प्रशा को शोल्सबिंग तथा ऑस्ट्रिया को होल्स्टिंग मिला.
  2. ऑस्ट्रिया से युद्ध (1866):- इस युद्ध में प्रशा ने ऑस्ट्रिया को बुरी तरह से हरा दिया.
  3. फ्रांस प्रशा का युद्ध (1870):- यह युद्ध सेडोवा के मैदान में लड़ा गया था . स्पेन की राजगद्दी को लेकर इस युद्ध में भी ऑस्ट्रिया फ्रांस की बुरी तरह हार हो गई और अंततः बिस्मार्क ने पुरे यूरोप के मानचित्र को बदलकर रख दिया.

प्रश्न 23. जालवेरिन क्या है?

उत्तर- यह एक प्रकार की व्यापारिक संस्था है, जिसका निर्माण 1834 में किया गया था . और जर्मनी 1844 ई. में इसका सदस्य बन गया प्रशा के पहल से

प्रश्न 24. गैरीबाल्डी के कार्यो को लिखे.

उत्तर- 1860 ई. तक इटली एक संगठित क्षेत्र बन चूका था . लेकिन इटली के कुछ क्षेत्र जैसे- सिसली, नेपसल्स के क्षेत्रो पर जोश-खरोस के साथ अधिकार करने का प्रयास करता है . यह पेशे से नानिक था . जब एक सैनिक भी इसके लिए तलवार शब्द का प्रयोग किया गया है .

यह मेजनी का समर्थक था. और मेजनी के सपना को पूरा करना चाहता था इन्होने अपने सेना के नाम पर लाल कुर्ती का गठन किया था . इसने सन 1862 ई. में रोम पर आक्रमण किया और इसका विरुद्ध काऊनट काबुर ने किया और

अंततः अपना जीता हुआ सारा क्षेत्र सारा क्षेत्र विक्टर को सौप दिया . जो इटली का शासक था . और खुद एक साधारण किसान के रूप में जीवन बिताने लगा .

प्रश्न 25. यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का वर्णन करे .

उत्तर- प्राचीन यूनान का अपना अत्तीत गौरवमय रहा है . इसे यूरोपीय सभ्यता का पालनकर्ता कहा जाता है, क्योकि यह ज्ञान, विज्ञान, शिक्षा, कला, साहित्य, संस्कृत, तथा दर्शन आदि का केंद्र बिंदु था . इस देश से दुसरे देश अपना शिक्षा पाकर अपना विकास कर रहे थे. लेकिन खुद तरक्की नहीं कर रहा था , क्योकि यह तुर्की का गुलाम बना हुआ था .

तुर्की से छुटकारा पाने के लिए हिटोरिया फिलाईड संस्था का गठन किया और तुर्की सम्राज्य को मिटाने का प्रयास किया . यूनान एक स्वतंत्र देश बनना चाहता था . इस यूनान स्वतंत्रता संग्राम में इंग्लैंड का महान कवि लार्ड वायरन शहीद हो गये . जिसके कारण पुरे यूरोप में आक्रोश का लहर छा गया .

1827 ई. में लंदन में एक सम्मेलन हुआ . जिससे रूस, फ्रांस, इंग्लैंड एक साथ होकर तुर्की का विरोध किया और 1829 ई. में एण्डरियोंओ पुल की संधि यूनान और तुर्की के बीच हुआ . जिससे तुर्की की हार हो गई और अंततः 1832 ई. के कुस्तुतूनिया की संधि के तहत् यूनान को आजाद कर दिया गया . और यूनान का रजा ऑटो को बना दिया गया .

प्रश्न 26. विलियम प्रथम के बगैर जर्मनी के एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था कैसे ?

उत्तर- जाहिल सा तथ्य है जर्मनी के एकीकरण का मूल मंत्र सम्राज्यवादी महत्वकांक्षा थी . इसके लिए सुलझा गया मार्ग विशाल सेना का संगठन था तथा रक्त एवं लौ की निति .

विलियम प्रथम यह जानता था की जर्मनी के एकीकरण के लिए फ्रांस ऑस्ट्रिया को पूरी तरह से पराजित करना होगा . इस कम को बिस्मार्क ही कर सकता है . अतः प्रशा में सैनिक शक्ति बढ़ाने के लिए एक योजना का निर्माण किया परन्तु सैनिक खर्चा को लेकर संसद में विवाद उठ गया. इस समस्या को हल करने विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को बरलिन बुलाया और भरपूर सहयोग किया और इस प्रकार से जर्मनी के एकीकरण के सपना को पूरा किया


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