Bihar Board Class 10 Hindi गध Chapter 6 बहादुर (कहानी) Solution Notes

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Bihar Board Class 10 Hindi गधभाग Chapter 6 बहादुर (कहानी) subjective Notes

Q. बहादुर कहानी का लेखक कौन है?

Answer– बहादुर कहानी के लेखक अमरकांत है.

Q 1. लेखक को क्यों लगता है की जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो ?

Answer-अपने और अपने परिवार की शान बढ़ाने के लिए लेखक अमरकांत जी ने तो नौकर अवश्य रख लिया परन्तु उसे शीघ्र ही एहसास हो गया की नौकर के रख-रखाव में भी अतिरिक्त खर्च आएंगे . ऐसा-आराम तो मिलेगा परंतु खर्च की कीमत पर. इसी कारण लेखक को लगता है की जैसे उसपर एक भरी दायित्व आ गया है .

Q 2. अपने शब्दों में पहली बार देखे बहादुर का अर्णन कीजिए.

Answer-लेखक अमरकांत जी ने जब पहली बार बहादुर को देखा तो पाया की उसकी उम्र लगभग 12 वर्ष या 13 वर्ष था. उसका शरीर ठिगना चकइठ था . वह गोर रंग वाला तथा चपटे मुँह वाला था . वह सफ़ेद नेकर, आधी बाँह की ही सफ़ेद कमीज और भूरे रंग का पुराना जूता पहने था . उसके गले में स्काउटों की तरह एक रुमाल बंधा था . कुल मिलाकर वह लेखक को नौकर के रूप में आकर्षित लगा .

Q 3. लेखक को क्यों लगता है की नौकर रखना बहुत जरुरी हो गया था ?

Answer-लेखक अमरकांत जी के प्राय: सभी रिश्तेदार अच्छे ओहदे पर थे . उन सब के यहाँ नौकर था. जब लेखक अपनी बहन की शादी में घर गया तब उसने पाया कि उसकी दोनों भाभियाँ रानी की तरह रह रही थी . उसे अपनी पत्नी पर तरस आने लगा और उसने मन ही मन नौकर रखने का निश्चय कर लिया.

Q 4. साले साहब से लेखक को कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा ?

Answer-लेखक अमरकांत जी को बहादुर का किस्सा अपने साले से असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा . इसी कहानी से लेखक को नौकर प्राप्त हुआ. साले साहब ने किस्सा सुनाते हुए कहा की नेपाल और बिहार की सीमा पर स्थित गाँव का बहादुर बारह-तेरह वर्ष का था. पिता की असमय मृत्यु ने परिवार का बोझ उसकी माँ पर आ गया. वह बहादुर से काम करने को कहती थी परंतु बहादुर की आना-कानी पर वह उसे पिटती भी थी . गुस्से में बहादुर ने अपने भैस को बहुत पीटा क्योंकि उसकी माँ भैस को बहुत मानती थी .परिणाम स्वरूप माँ ने भी बहादुर को बहुत पीटा जिससे वह घर से भागकर स्टेशन आया और साले ने उसे लेखक के घर पहुँचा दिया.

Q 5. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था ?

Answer-परिवार के बोझ को अपने कंधो पर उठाने वाली बहादुर की माँ चाहती थी की वह भी घर की जिम्मेवारियों को समझते हुए कुछ काम करें . परन्तु बहादुर बेपरवाह घूमता रहता . इसी कारण वह माँ से पिटाने लगा . तंग आकर उसने अपने माँ की प्यारी भैंस को बहुत पीटा . परिणाम स्वरूप वह भी अपनी माँ से बहुत पीटा था. इसी कारण बहादुर अपने घर से भाग गया था.

Q 6. बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द क्यों उड़ा दिया गया?विचार करें.

Answer– लेखक अमरकांत जी के परिवार के नौकर का पूरा नाम दिलबहादुर था जो शायद परिवार वालो को बड़ा लगता था इसी कारण नाम को छोटा कर केवल बहादुर रख दिया गया . इसके अतिरिक्त यह भी सोच थी की नौकर के काम से मतलब है न कि उसके दिल से . अतः उसके नाम से ‘दिल’ शब्द को उड़ा दिया गया .

Q 7. व्याख्या करें

(क) उसकी हँसी बड़ी कोमल और मीठी थी, जैसे फूल की पंखुड़ियाँ बिखर गई हों.

Answer-प्रस्तुत गधांश हिंदी के सशक्त कथाकार अमरकांत जी द्वारा रचित कहानी ‘बहादुर’ से लिया गया है जिसमे लेखक ने बहादुर की मासूमियत को बड़े ही मोहक अंदाज में वर्णन करते हुए कहा है कि उसकी हँसी में एक मिठास थी . उसकी खिलखिलाहट की आवाजे विखरी हुयी पंखुडियो के समान थी.

(ख) पर अब बहादुर से भूल-गलतियाँ अधिक होने लगी थीं .

Answer– प्रस्तुत गधांश हिंदी के सशक्त कथाकार अमरकांत जी द्वारा रचित कहानी ‘बहादुर’ से लिया गया है जिसमे लेखक अमरकांत जी ने बहादुर की लाचारी को दर्शाते हुए कहा है की वह अपना काम ईमानदारी से करता था परंतु बात-बात पर उसकी पिटाई से वह उदास हो गया . ऐसी स्थिति के कारण ही उससे गलतियाँ होने लगी.

(ग) अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता.

Answer– प्रस्तुत गधांश हिंदी के सशक्त कथाकार अमरकांत जी द्वारा रचित कहानी ‘बहादुर’ से लिया गया है जिसमे लेखक अपने अफसोस के दर्द को उजागर करता है. वस्तुतः लेखक के रिश्तेदारों ने बहादुर को चोर घोषित कर दिया जिससे वह घर छोड़ कर चला गया . उसके जाने के बाद मालूम हुआ की वह तो चोर था ही नहीं बल्कि वह तो अपनी पगार भी छोड़ गया था. उसने तो सबको सुख दिया था . इसी कारण लेखक अफसोस करते हुए कहता है की वह कुछ लेकर जाता तो उसे आत्म ग्लानी नहीं होती.

(घ) यदि मै न मारता, तो शायद वह न जाता .

Answer– प्रस्तुत गधांश हिंदी के सशक्त कथाकार अमरकांत जी द्वारा रचित कहानी ‘बहादुर’ से लिया गया है जिसमे लेखक आत्मग्लानिवश कहता है कि बहादुर पर चोरी के आरोप के कारण उसने उसको पीटा . चूँकि बहादुर स्वाभिमानी होने के साथ-साथ इमानदार भी था . अतः वह अपमानित महसूस करते हुए चला गया . इसी से लेखक को दर्द महसूस हुआ कि यदि वह नहीं मारता तो वह नहीं जाता

Q 8. काम-धाम के बाद रात को अपने विस्तार पर गये बहादुर का लेखक किन शब्दों में चित्रण करता है ? चित्र का आशय स्पष्ट करें.

Answer– बहादुर भी एक इन्सान था जिसमे स्वछंद जीवन जीने की अभिलाषा थी. परंतु वह तो नौकर था जिसे आजादी नहीं थी . इसी कारण वह दिनभर की मेहनत के बाद अपने बालमन की जिज्ञासा को रात में विस्तर पर शांत करता था. लेखक ने इसको बड़े ही आकर्षण ढंग से चित्रण करते हुए कहा है की रात को काम-धाम करने के बाद  वह भीतर के बरामदे में एक टूटी हुई बँसखट पर अपना बिस्तर बिछाता था .

वह बिस्तरे पर बैठ जाता और अपनी जेब में से कपड़े की एक गोल-सी नेपाली टोपी निकालकर पहन लेता, जो बाईं ओर काफी झुकी रहती थी. फिर वह एक छोटा-सा आईना निकालकर बन्दर की तरह उसमें अपना मुँह देखता था . वह बहुत ही प्रसन्न नजर आता था . इसके बाद कुछ और भी चीजें उसकी जेब से निकलकर उसके बिस्तर पर सज जाती थीं – कुछ गोलियाँ, पुराने ताश की एक गड्डी, कुछ खूबसूरत पत्थर के टुकड़े, ब्लेड, कागज की नावें . वह कुछ देर तक उनसे खेलता था. उसके बाद वह धीमे-धीमे स्वर में गुनगुनाने लगता था. उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझ नहीं पाते थे, पर उसकी मीठी उदासी सारे घर में फैल जाती. जैसे कोई पहाड़ की निर्जनता में अपने किसी बिछुड़े हुए साथी को बुला रहा हो .

Q 9. बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा ?

Answer– लेखक अमरकांत जी के घर बहादुर के आ जाने से घर और परिवार के सदस्यों का रहन-सहन ही बदल गया. सबको खुब आराम मिलने लगा क्योंकि मामूली काम के लिए भी बहादुर को आवाज लगायी जाती. लेखक का बड़ा लड़का तो अपने सारे कार्य बहादुर को ही सौप दिया. मामूली गलती होने पर भी बहादुर की तो शामत ही थी . लेखक भी शान से निकलते . अब वे अपने रिश्तेदारों की बराबरी कर पाए थे . बहादुर का अधिकांश उपयोग बड़ा लड़का किशोर तथा लेखक की पत्नी निर्मला करती थीं.

Q 10. किन कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया?

Answer– बहादुर भले ही लेखक अमरकांत जी के घर का नौकर था परंतु वह स्वाभिमानी, परिश्रमी आदि होने के साथ-साथ इमानदार भी था . मामूली गलती हो जाने पर घर के सदस्यों से पिटाना तो जैसे दिनचर्या में शामिल थे. परंतु उस पर लगे चोरी के आरोप ने उसे अन्दर से हिला दिया और वह घर छोडने को विवश तब हो गया जब लेखक ने उसे पीट दिया.

Q 11. बहादुर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है ?

Answer– लेखक अमरकांत जी के यहाँ आए किसी रिश्तेदार की पत्नी ने बहादुर पर ग्यारह रूपये चुराने का आरोप लगा दिया यधपि यह आरोप झूठा था क्योकि वे बच्चो को पैसे देने से बचना चाहती थी . वे और पर मनगढंत आरोप नहीं लगा सकती थी . अतः उन्होंने बहादुर पर इसलिए लगा दिया की वह नौकर था . सब उसपर विश्वास कर लेंगे . परंतु बहादुर इमानदार था . वह विचलित और उदास हो गया . इसी उदासी में उससे गलतियाँ होने लगी और परिणाम स्वरूप डॉट और पिटाई होने लगी जिससे वह लेखक का घर छोडकर चला गया .

Q 12. घर आए रिश्तेदारों ने कैसे प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला ?

Answer– लेखक अमरकांत जी के घर आए रिश्तेदार बच्चों को कुछ देना नहीं चाहते है . इसी कारण आपने पैसे चोरी होने का प्रपंच रचा और चोरी का इल्जाम बहादुर ले मथे मढ़ दिया . बहादुर इस आरोप से बहुत आहत हुआ . उसके प्रति बुरे व्यवहारों में खुब वृद्धि हुयी . रोज-रोज की जिल्लत ने उस घर छोड़ने पर विवश कर दिया और वह घर छोड़ कर भाग भी गया .

Q 13. बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है ?

Answer– वस्तुतः लेखक अमरकांत जी और उनके परिवार के सदस्यों को बहादुर से बहुत ही आराम मिलता था . परंतु इनाम में बहादुर को सिर्फ गाली, डॉट और पिटाई मिलती थी . बहादुर पर लगे चोरी के झूठे आरोपों को भी वे समझते थे . जब वह घर छोड़ कर गया तो अपना सारा सामान और पगार भी छोडकर गया . उसके जाने के बाद ही उनलोगों के बहादुर के सद्गुणों का एहसास हुआ और वे पछतावा करने लगे .

Q 14. बहादुर, किशोर, निर्मला और कथावाचक का चरित्र चित्रण करें.

Answer– बहादुर स्वाभिमानी, इमानदार तथा कर्मठ लड़का है बाल मन की भी इक्छाएं जाग्रत है . ख़राब आर्थिक स्थिति उसे नौकर बनने पर मजबूर करता है . वह अपना काम बखूबी करता है . रोज-रोज मिल रहे डॉट और पिटाई से उदास होने पर उससे गलतियाँ होती है परंतु अपने पर लगे चोरी के आरोपों को वह झेल नहीं पाता और गृहस्वामी का घर विना कुछ लिए छोड़ देता है.

किशोर- लेखक अमरकांत जी के बड़े लड़के का नाम किशोर है जो कॉलेज का छात्र है . वह आलसी स्वभाव का है . वह अपना सारा काम नौकर से ही करवाने के लिए तत्पर होता है . मामूली गलती होने पर नौकर को बेरहमी से पीटना , उसके अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है. परंतु नौकर के घर छोड़ने पर उसे अपनी गलती का एहसास भी होता है और पछतावा भी होता है .

निर्मला- निर्मला लेखक अमरकांत जी की पत्नी है जो शानो-शौकत भरी जिन्दगी जीना पसंद करती है . वे झूठे दिखावे से भी परहेज नहीं करती है . नौकरों से काम लेने की अदा भला कोई उनसे सीखे . इन सबके बावजूद उनको आपनी गलती पर अफसोस भी होता है .

कथावाचक- कथावाचक अर्थात अमरकांत जी में मिली-जुली रूप से सद्गुण और दुर्गुण दोनों है . झूठे शान की जिन्दगी जीने की चाह इनमे है. अपने रिश्तेदारों की बराबरी करने के लिए भी ये नौकर रखते है और उसपर जुल्म करने से भी बाज नहीं आते. परंतु अंततः वे अपनी गलतियों पर पछतावा भी करते है .

Q 15. निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफसोस हुआ ?

Answer– औरत ममता की मूर्ति होती है . परंतु कभी-कभी दिखावे में वह भूल कर देती है . ऐसा ही महिला निर्मला है जो शानो- शौकत की जिन्दगी जीना चाहती है . इसके लिए वे बहादुर को नौकर के रूप में रखती है . उससे उनको खुब आराम मिलता है और बदले में वे उसकी पिटाई भी करने से बाज नहीं आती है . वह नौकर पर चोरी का झूठा आरप भी लगाती है , यह जानते हुए की वह चोर नहीं है . तंग आकर जब बहादुर चल जाता है तब वे पाती है की वह अपना सामान और पगार भी छोड़ गया था . उनको अपने द्वारा किए गये अत्यचार पर अफसोस होता है .

Q 16. कहानी छोटा मुह बड़ी बात कहती है . इस दृष्टि से ‘बहादुर’ कहानी पर विचार करें.

Answer– कहनी का आकार भले ही छोटा हो परंतु संक्षेप में यह मध्यम वर्गीय परिवार का दर्पण जहाँ जीवन के प्रत्येक पहलू का प्रतिबिम्ब स्पष्ट रूप से दिखाई देता है लेखक आपने विचारो से बताना चाहते है की एक छोटी सिख समाज की रीती-रिवाजो पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है लेखक समाज को विकसित बनाने का मनसा प्रकट किया है.

Q  17. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए. लेखक ने इसका शीर्षक ‘नौकर’क्यों नहीं रखा?

Answer– प्रस्तुत गधांश हिंदी के सशक्त कथाकार अमरकांत जी द्वारा रचित कहानी ‘बहादुर’ से लिया गया है जिसमे लेखक नए समाज के मानव की प्रवृति को दर्शाया है इसमें उन्होंने मानव दोस्त को कर्मवद किया है लेखक अमरकांत जी ने शीर्षक ‘नौकर’ इसलिए नहीं रखा है क्योकि बहादुर चरित्र वाला व्यक्ति था जो नौकर नहीं बन सकता था.


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